पत्नी की इज्जत भी लुटी, पत्नी जान से भी गई ,अकेले बच्चों को पाल रहा पिता न्याय के लिए दर् दर भटक रहा।
न्याय के ठेकेदार ही दर-दर भटका रहे हेमराज को, जांच कभी इधर कभी उधर,कभी यहां तो बुलावा कभी वहां तो बुलावा।
आखिर कितनी बार और किसको किसको कब तक साक्ष्य और मुकदमे के कागजात दिखाता फिरेगा मृत सीमा चौहान का बेचारा पति हेमराज?
हरियाणा : पलवल मितरौल थाना मुंडकटी निवासी मोतीराम का पुत्र हेमराज पिछले 6 साल से अपनी पत्नी के साथ हुए बलात्कार के बाद पुलिस की नजरअंदाजी के चलते आत्महत्या कर ली थी, उस को न्याय दिलाने के लिए दर-दर भटक रहा है। न्याय के ठेकेदार मतलब आईएएस और आईपीएस अफसर उसे कभी इधर कभी उधर,कभी इस जिला,कभी उस जिला कभी इस विभाग कभी उस विभाग दौड़ते रहते हैं। चक्कर पे चक्कर लगवाते रहते हैं,कुछ नहीं मिला तो यह साक्ष्य लेकर आओ वह पत्रांक ले आओ, यह कागज वह कागज लेकिन अभी तक न ही बलात्कारी की गिरफ्तारी हुई और ना ही दोषी पुलिस अफसरों पर कोई कार्यवाही ।यह न्याय तंत्र है या भटियार खाना इससे तो अच्छा था कि हेमराज भी बलात्कारी को गोली मारकर फांसी चढ़ गया होता।ऐसे न्याय तंत्र को क्या संज्ञा दी जाए ?क्या उसकी परिभाषा की जाए? आम आदमी को कीड़े मकोड़े समझने वाले चंद आफिसर देश समाज और न्याय तंत्र की बदनामी का कारण भी है और लोकतंत्र की सफेदी पर एक बदनुमा दाग भी है। देश के कर्णधारों से भी क्या अपेक्षा की जाए 6 सालों से मीडिया में चल रहे इस प्रकरण की जानकारी किसे ना होगी लेकिन किसी को इतनी फुर्सत नहीं कि मृत सीमा चौहान को न्याय दिलाया जा सके ।हरियाणा के थानों से होते हुए यह केस महिला आयोग एवं बाल विकास मंत्रालय तक पहुंचा ।उसके बाद हरियाणा के मानवाधिकार विभाग में भी यह पहुंचा लेकिन कोई कुछ ना कर सका बड़े-बड़े दावे मौजूदा एसपी और आईपीएस अधिकारियों ने किए मगर सब कुछ ठंडे बस्ते में ।इसी सिलसिले में हरियाणा पुलिस ने एक नया कदम उठाया नूह मुख्यालय के उप पुलिस अधीक्षक हेमराज को अपने परिवाद के जांच के संबंध में अपने गवाहों साक्ष्यों व दस्तावेजों सहित नियत समय व नियति तारीख पर अपने कार्यालय में बुलाया ।अब बेचारा हेमराज कार्यालय में उप पुलिस अधीक्षक के समक्ष हाजिर होगा आपने सब दस्तावेज दिखाएगा गवाह प्रस्तुत करेगा यह तो वह पिछले 6 साल से कर ही रहा है। आगे कैसे बढ़ेगी कार्यवाही ?इसकी क्या गारंटी है कि इस प्रकरण के बाद उसे न्याय मिलने ही वाला है?
बकौल हेमराज डीआईडी नाज़नीन भसीन नें उसके मामले की पूरी कार्यवाही करने की जिम्मेदारी डीजीपी को सौंपी है। एसआईटी और आईजी की रिपोर्ट के बाद ही वह कार्यवाही करेंगी। उन्होंने हेमराज को इंसाफ दिलाने का पूरा भरोसा दिया है यह वही नाज़नीन भसीन है जिन्होंने रेवाड़ी कांड का खुलासा किया था।
फिलहाल आईजी ने मामले पर सुनवाई के लिए एसआईटी गठित कर मामले को पलवल जिले से हटाकर मेवात नूह ट्रांसफर कर दिया है। हेमराज ने पलवल पुलिस पर यह भी इल्जाम लगाया की थाने के रिकॉर्ड से आरोपी का जुर्म कबूल किया शपथ पत्र क्रमांक 14481 भी गायब कर दिया गया है ।
वाह रे पुलिस न्याय दिलाने में सबसे बड़ा रोड़ा पुलिस ही बन बैठी।
खैर “देर है अंधेर नहीं”
शायद आईपीएस नाज़नीन केस की परतें खोलने में कामयाब हो सके और एक बलात्कार की शिकार ऐसी महिला जिसने पुलिस के उत्पीड़न से आहत होकर अपनी जान भी दे दी को न्याय दिला सके।
( एडीटर इन चीफ : सुशील निगम )
दुर्भाग्य है हरियाणा की सरकार और उसके तंत्र का कि राज्य की पीड़ित जनता को न्याय देने में असफल साबित हो रही है आप जैसे पत्रकार इस न्याय की आवाज उठा रहे हैं कामयाबी जरूर हासिल होगी सच्चे पत्रकार सच्चे देशभक्त होते हैं आपसे विनती है इस मामले को अपने अखबार में सोशल मीडिया में मामले को प्रदर्शित करते रहिए