उत्तर प्रदेश की प्रशासन और न्याय व्यवस्था अपने भ्रष्ट अधिकारियों के बलबूते सूबे का कर रही बंटाधार
उत्तर प्रदेश की प्रशासन और न्याय व्यवस्था अपने भ्रष्ट अधिकारियों के बलबूते सूबे का कर रही बंटाधार
कानपुर विकास प्राधिकरण और राजस्व विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण में फल फूल रहे दक्षिण के दबंग भूमाफिया
2021 में केडीए ने बूढ़पुर मछरिया की आराजी संख्या 881 पर अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण का आदेश जारी कर नोटिस चस्पा की थी लेकिन कार्यवाही शून्य
TIMES7NEWS -कानपुर शहर के दक्षिण में ही नहीं हर नई बस्ती में आए दिन एक नया काण्ड देखने को मिल ही जाता हैं जिसमें अधिकारियों की मिली भगत से कहीं सरकार को तो कही भोले भाले नागरिकों को चूना लगाते हैं केवल एक ही विभाग में नही हर विभाग का आजकल यही हाल कमजोरों की बेबसी पर ताकतवर ठहाके लगा के हंस रहे पचीसों वर्षों से दबंग,भूमाफिया और रसूखदार सरकारी जमीनों को कब्जिया राजस्व विभाग को चूना लगा रहे है, क्योंकि सरकारी जमीनों की देखरेख रखने वाले जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की इन माफियाओं पर कृपा बरस रही हैं, जिसके चलते सरकारी जमीनों को कब्जियाने वाले दबंग भूमाफिया मौज काट रहे हैं और भोली भाली गरीब जनता को बेवकूफ बनाकर उनकी खून पसीने की गाढ़ी कमाई डकार रहे है।
आपको बताते चलें कि 14 सितंबर 2021 को कानपुर विकास प्राधिकरण ने बूढ़पुर मछरिया की आराजी संख्या 881 जो कि सरकारी भूमि है और उसपर शारदा विद्या मंदिर के संचालक समरजीत मिश्रा द्वारा अवैध निर्माण करा जमीन कब्जियाने की शिकायत की गई थी और केडीए ने शिकायतकर्ता की शिकायत पर नोटिस चस्पा कर ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया था लेकिन आज तक न ही विकास प्राधिकरण द्वारा समरजीत मिश्रा पर कोई कार्यवाही हुई न ही अवैध निर्माण का ध्वस्तीकरण किया गया। जिसके चलते 2021 से 2024 के बीच रसूखदार समरजीत मिश्रा ने उसी जमीन के आधे भाग पर आरसीसी के रेडिमेट पिलर व बाउंड्री वॉल करा डाली और कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी अपनी आंखो में काली पट्टी चढ़ा चुप चाप बैठ गए।
विशेष सूत्रों से यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि रसूखदार समरजीत ने पहले तो अपने विद्यालय की आड़ में 10,410 हेक्टेयर जमीन कब्जा कर पूरे में बाउंड्री वॉल करा गेट लगा लिया और उस पूरी जमीन के आधे भाग को बेंच भी डाला।
कानपुर दक्षिण में एक ये ही मामला नहीं है ऐसी कई जमीनों पर राजस्व विभाग, कानपुर विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद द्वारा मात्र खानापूर्ति कर कार्यवाही करते हुए अपना अपना पल्ला झाड़ कर मौन हो गए। जबकि 17 जून 2021 को कानपुर विकास प्राधिकरण ने भूमाफिया चंद्रबदन मिश्रा के विरुद्ध थाना नौबस्ता में मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें कानपुर विकास प्राधिकरण ने साफ तौर पर लिखा है कि चंद्रबदन मिश्रा ने ग्राम समाज की भूमि जिसकी आराजी संख्या 881 हैं जिसको चंद्रबदन मिश्रा ने 1122 आराजी संख्या और गलत चौहद्दी डाल कर अनवरी बेगम के नाम बैनामा कर बेंच दिया है जिसपर थाना नौबस्ता पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही भी थी।
अब सवाल ये उठता है कि क्या यही है उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉरलेंस नीति, क्या बाबा जी का बुल्डोजर केवल गरीब और असहाय लोगों के घर गिराने के लिए गड़गड़ाता है?
या फिर इन भूमाफियाओं के लिए प्रदेश सरकार की नीति कुछ और?