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कानपुर देहात पुलिस ने पुलिस हिरासत में बलवंत की पीट-पीटकर बर्बरता से कर दी हत्या

बवाल की आशंका के चलते आला अधिकारियों ने फेंके परिवारी जनों के सामने सरकारी मदद के लच्छे

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बवाल की आशंका के चलते आला अधिकारियों ने फेंके परिवारी जनों के सामने सरकारी मदद के लच्छे

योगी सरकार का पुलिस विभाग पर नहीं है कोई नियंत्रण, अनियंत्रित होकर भ्रष्टाचार में लिप्त है कानपुर पुलिस

TIMES7NEWS – कानपुर देहात : थाना शिवली – पिछले कुछ समय से योगी सरकार द्वारा अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस को दी गई छूट का फायदा पुलिस विभाग बड़ी अच्छी तरह से उठा रहा है। पेचीदा कानूनों में फंसा कर जनता को खुलेआम लूट रही पुलिस फंसे लोगों से पैसा निकालने के लिए अमानवीयता की किसी भी हद तक पहुंचने को तत्पर रहती है। कानपुर पुलिस का इसका एक जीता जागता उदाहरण अभी हाल में ही थाना शिवली ग्राम मैथा में हुई एक लूट की वारदात का खुलासा करते समय नजर आई। पुलिस ने एक लूट का खुलासा करने के लिए चार युवकों अभिनाश कुशवाहा, सूरज,कल्लू उर्फ शिवा को उठाया, जिसमें से एक लूट के शिकार का भतीजा ही था, जिसका नाम बलवंत सरैया गांव निवासी था बलवंत से जुर्म कबूल करवाने या फिर कोई अज्ञात कारण भी हो सकता है,पुलिस टीम ने उसे इतनी भयंकर यातनाएं दी कि वह अपने जीवन से ही मुक्त हो गया।जबकि उसका चाचा जिसके साथ लूट हुई वह हाथ जोड़े गिड़गिड़ाता रहा की लूट करने वालों में यह नहीं शामिल है, साहब यह तो मेरा भतीजा है,लेकिन निर्दयी पुलिस वाले कुछ सुनने को तैयार ही नहीं जैसे उन्हें तो उसकी हत्या करने का भूत सवार हो। जो उन्होंने कर भी दी ।कानपुर देहात पुलिस के द्वारा यह क्रूरतम कार्य अत्यंत निंदनीय है।कानपुर देहात पुलिस की गैर जिम्मेदाराना हरकत देखिए मृत बलवंत की लाश एक खेत में फेंक दी गई।जिसे बाद में पोस्टमार्टम हाउस में जमा कराया गया, और पुलिस का पावर देखिए मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया। अब यह पुलिस विभाग की अनियंत्रिता नहीं तो और क्या है ? माननीय योगी जी घोड़ों की लगाम अगर हाथ से छोड़ दी जाएगी तो गाड़ी का क्या होगा ? क्या आपको नहीं पता ? अगर नहीं पता तो पता कीजिए। अगर जनता ने हाथ में कुछ उठा लिया तो इसका परिणाम क्या होगा ? बलवंत चाहे दोषी रहा हो या निर्दोष ,हत्या तो उसकी हुई है और हत्यारे हैं पुलिस वाले ।

थाना शिवली क्षेत्रान्तर्गत दिनांक छै दिसंबर को हुई लूट की घटना में प्रकाश मे आये संदिग्ध की मृत्यु के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक द्धारा दी गई जानकारी

कानून हत्या देखता है वह पुलिस है या आमजन या एक अपराधी इससे कानून को मतलब नहीं होना चाहिए। सभी पुलिस वालों को फांसी की सजा यदि नहीं हुई तो प्रदेश में कानून व्यवस्था की बात करना बेईमानी होगी व्यर्थ होगा।पुलिस के उद्देश्य का अंदाजा मृतक के शरीर पर मार के निशान देखकर लगाया जा सकता है।

आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु गठित विशेष टीम द्वारा पुलिस अभिरक्षा में हुई मृत्यु के सम्बन्ध में पंजीकृत अभियोग में नामजद वांछित एक अभियुक्त एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम की गिरफ्तारी के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक द्वारा दी गई जानकारी

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Shushil Nigam

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