TIMES 7 NEWS – चीन एक ऐसे मिसाइल सिस्टम पर काम कर रहा है, जो आकाश में बहुत ऊंचाई पर मौजूद अपने टारगेट को भेद सकती है, तो समंदर में मौजूद टारगेट प्वाइंट को भी ध्वस्त कर सकती है. कह सकते हैं कि ये मिसाइल और तारपीडो दोनों की तरह काम करेगी. दरअसल चीनी प्रांत चांगसा स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी के एयरोस्पेस साइंस कॉलेज के वैज्ञानिकों ने बोरॉन आधारित मिसाइल प्रोप्लशन सिस्टम का मसौदा पेश किया है. चाइनीज सोसायटी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स की ओर से प्रकाशित जर्नल ऑफ सॉलिड रॉकेट टेक्नोलॉजी के 8 सितंबर के अंक के जरिए चीनी वैज्ञानिकों के इस ब्लू प्रिंट का खुलासा हुआ है.
बता दें कि बोरॉन एक मेटलॉयड है, जोकि मेटल (धातु) और नॉन मेटल (गैर-धातु) दोनों श्रेणियों में आता है. इसका इस्तेमाल आम तौर पर वॉशिंग मशीन और एंटीसेप्टिक बनाने में किया जाता है. बोरॉन, अगर हवा और पानी के संपर्क में आता है, तो बहुत ही खतरनाक ढंग से रिएक्ट करता है और बड़े पैमाने पर हीट उत्सर्जित करता है. बोरॉन जब जलता है तो उसका रंग हरा होता है और आम तौर पर यूज होने वाले एविशन फ्यूल के मुकाबले प्रति किलोग्राम 40 प्रतिशत ज्यादा एनर्जी उत्सर्जित करता है.
यूरेशियन टाइम्स की खबर के मुताबिक चांगसा के वैज्ञानिकों के द्वारा बनाई गई एंटी-शिप मिसाइल पहले हवा में उड़ान भरेगी और फिर गोता लगाकर नीचे आते पानी में मौजूद टारगेट को ध्वस्त कर देगी. वैज्ञानिकों के दावे के मुताबिक नया बोरॉन आधारित प्रोप्लशन सिस्टम 5 मीटर लंबी मिसाइल को 10 हजार मीटर की ऊंचाई पर ध्वनि की रफ्तार के मुकाबले 2.5 गुना ज्यादा रफ्तार प्रदान करेगा. इस दरम्यान मिसाइल 200 किलोमीटर तक की दूरी तय करेगी और फिर गोता लगाते हुए पानी में 20 किलोमीटर की गहराई पर मौजूद टारगेट को ध्वस्त कर देगी.