कानपुर कमिश्नरेट पुलिस का अजब गजब रवैया फरियादियों की शिकायत दर्ज कराने के लिए अब मंत्रियों को जाना पड़ रहा थाने

कानपुर कमिश्नरेट पुलिस का अजब गजब रवैया फरियादियों की शिकायत दर्ज कराने के लिए अब मंत्रियों को जाना पड़ रहा थाने

TIMES7NEWS – कानपुर दक्षिण में लगातार बढ़ते अपराध और अपराधियों की वजह से आमजानो का जीना दुश्वार हो गया हैं आए दिन मारपीट गाली गलौज व अभद्रता जैसी घटनाएं आम बात हो गई हैं क्योंकि कानपुर पुलिस पीड़ितों की फरियाद सुनना ही नहीं चाहती जबतक किसी सत्ता पक्ष के नेता जी का हस्तक्षेप न हो या फिर मीडिया घटना को उजागर करे।

ऐसा ही एक मामला 29 दिसंबर की शाम का है थाना बर्रा क्षेत्र में रहने वाले दबंग विनोद पाल प्रापर्टी डीलर ने मंत्राणी प्रतिभा शुक्ला के कार्यकर्ता महेश तिवारी पुत्र राम शंकर तिवारी को अपने गेस्ट हाउस में बुला अपने साथियों के साथ मिलकर पहले लात घूंसे से जमकर धुनाई की जब इतने में भी जी नहीं भरा तो ईंट से सिर पर कई वार कर मरणासन्न की स्थित में पहुंचा दिया और उसे मारा हुआ छोड़कर चले गए वो गलीमत रही कि महेश के बेटे को घटना की जानकारी हो गई और समय रहते पिता को घायल अवस्था में लेजाकर नजदीक के प्रिया हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया तो जान बच गई नहीं तो ईश्वर ही जाने क्या होता, और सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह है पीड़ित की इतनी गंभीर हालत देखने के बाद भी बर्रा पुलिस ने न ही शिकायत दर्ज की और न ही पीड़ित का मेडिकल उपचार कराया।जब इस घटना की जानकारी मंत्री जी को हुई तो उन्होंने फोन पर प्रभारी निरीक्षक बर्रा को फोन कर शिकायत दर्ज कर कार्यवाही के लिए कहा लेकिन थाना प्रभारी बर्रा ने मंत्राणी जी की भी नहीं सुनी जिसकी शिकायत मंत्राणी जी ने ऊपर बैठे अधिकारियों से की लेकिन फिर भी नहीं हुई सुनवाई फिर लाव लश्कर के साथ मंत्राणी जी को खुद थाने पहुंचना पड़ा तब उच्च अधिकारियों ने एसीपी साहब को थाने भेजा और कार्यवाही की शुरुवात हुई।
मामला ये था कि महेश तिवारी के रिश्तेदार ने विनोद पाल से एक प्लाट खरीदा था जो कि एस सी की जमीन और पट्टे पर होने की वजह से बेच दी थी जिसपर न्यायालय द्वारा एक सम्मन पीड़ित को प्राप्त हुआ तो विनोद पाल सिंह फोन पर बातचीत की तो विनोद ने महेश तिवारी को अपने गेस्ट हाउस में बातचीत के लिए बुलाया और फिर अपने साथी कमल व 7 – 8 अन्य पाले हुए गुंडों को लगा महेश की जमकर खातिरदारी की और मरणासन्न की हालत में छोड़ चले गए ऐसा कहना मंत्राणी जी के पति अनिल शुक्ल वारसी जी का।
अब फिलहाल इस मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों का कोई भी वक्तव्य अभी तक नहीं आया है घटना की वजह प्लाट है या फिर कोई और बात जिसकी वजह से मंत्राणी जी और पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी जी को पीड़ित की फरियाद पुलिस को सुनाने के लिए खुद थाने जाकर कई घंटों पुलिस अधिकारियों से जूझना पड़ा
इस प्रकरण को देखते हुए तो यह प्रतीत होता हैं कि कानपुर कमिश्नरेट थानों में चलाए जा रहे समाधान दिवस एवं क्षेत्रों में पैदल मार्च कर लोगों को सुरक्षा का एहसास व शांति व्यवस्था कायम रहने का केवल ढिंढोरा ही पीट रही हैं।