TIMES 7 NEWS- डॉन अख़बार के अनुसार शनिवार देर शाम लाहौर में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के ज़रिए आयोजित आज़ादी जलसे में आए लाखों लोगों को संबोधित करते हुए इमरान ख़ान ने कहा, “भारत और पाकिस्तान एक ही साथ आज़ाद हुए थे. भारत अपनी विदेश नीति अपने लोगों के लिए बनाता है.”
इमरान ख़ान ने शहबाज़ शरीफ़ की विदेश नीति और ख़ासकर अमेरिका के बारे में भी बात की.
उन्होंने कहा कि वो अमेरिका से दोस्ती चाहते हैं, लेकिन वो अमेरिका की ग़ुलामी नहीं करना चाहते हैं.
डॉन अख़बार के अनुसार इमरान ख़ान का कहना था, “मुझे कहा जाता है कि मैं अमेरिका विरोधी हूं. मैं साफ़ करना चाहता हूं कि मैं अमेरिका विरोधी नहीं हूं. हम क्यों ऐसे देश के ख़िलाफ़ होंगे जहां पैसे वाले हुनरमंद पाकिस्तानी रहते हैं और हमारा सबसे ज़्यादा निर्यात अमेरिका को होता है. मैं अमेरिका से दोस्ती चाहता हूं, लेकिन मैं ग़ुलामी नहीं चाहता हूं.”
इमरान ख़ान ने कहा कि शहबाज़ शरीफ़ की मौजूदा सरकार अमेरिका के सामने ‘लेट चुकी’ है. इस अवसर पर इमरान ख़ान ने शहबाज़ शरीफ़ सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उनकी सरकार गिराने के बाद एक और साज़िश हो रही है.
उन्होंने कहा, “मुझे चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहराने और नवाज़ शरीफ़ को सितंबर में पाकिस्तान वापस लाने की तैयारी हो रही है. नवाज़ शरीफ़ का बहुत अच्छे से स्वागत करूंगा. मेरा चरित्र हनन और मुझ पर केस लादने की साज़िश रची जा रही है.”
तीन अरब डॉलर दोबारा जमा करने का इरादा:
जंग अख़बार के अनुसार पाकिस्तान की रोज़ाना ख़राब होती अर्थव्यस्था की मदद करने के लिए सऊदी अरब ने पाकिस्तान के बैंक में तीन अरब डॉलर दोबारा जमा करने का इरादा किया है.
अख़बार ने समाचार एजेंसी के हवाले से लिखा है कि एक सप्ताह के अंदर सऊदी वित्त मंत्रालय की पाकिस्तान के स्टेट बैंक में तीन अरब डॉलर जमा कराने की योजना है.
इसके अलावा सऊदी अरब पाकिस्तान को अगले दस महीनों तक हर महीने 10 करोड़ डॉलर के पेट्रोलियम पदार्थ की अतिरिक्त मदद करेगा.
अख़बार के अनुसार पाकिस्तान या सऊदी अरब की तरफ़ से अभी तक इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है लेकिन अगले दो दिनों में सऊदी अरब इसकी आधिकारिक घोषणा कर देगा.
अख़बार ‘नवा-ए-वक़्त’ के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) से क़र्ज़ मिलने के लिए पाकिस्तान को लेटर ऑफ़ इंटेन्ट मिल गया है. अख़बार के अनुसार पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने ख़त मिलने की पुष्टि कर दी है.
अख़बार का दावा है कि इस पत्र के मिल जाने के बाद आईएमएफ़ से क़र्ज़ मिलने को लेकर आख़िरी रुकावट भी अब दूर हो गई है.
इस पत्र पर पाकिस्तान के वित्त मंत्री और स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान के गवर्नर के हस्ताक्षर होने के बाद इसे आईएमएफ़ वापस भेजा जाएगा.
24 अगस्त को आईएमएफ़ बोर्ड की बैठक होने वाली है जिसमें पाकिस्तान को क़र्ज़ देने की प्रक्रिया दोबारा बहाल करने की मंज़ूरी दी जाएगी.
बोर्ड की मंज़ूरी के बाद पहली क़िस्त के रूप में पाकिस्तान को एक अरब 17 करोड़ डॉलर का क़र्ज़ मिल जाएगा.
पाकिस्तान आईएमएफ़ से क़र्ज़ लेने की कोशिश कर रहा है और उसने उनकी सारी शर्तें भी पूरी कर दी हैं लेकिन फिर भी क़र्ज़ मिलने में देरी हो रही है.
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा ने भी इसके लिए कई देशों के नेताओं से बात की थी. इन सबके बाद ही आईएफ़एफ़ से क़र्ज़ मिलने का रास्ता साफ़ हुआ है.