सभी सनातनियों ने बड़ी धूम धाम और हर्षोल्लास से मनाया श्री संकट मोचन भगवान का जन्मोत्सव
नेहरू नगर स्थित बालाजी चौराहे पर आयोजित हुए कार्यक्रम में हजारों भक्तों ने लगाई भक्ति भावना की डुबकियां
सभी सनातनियों ने बड़ी धूम धाम से मनाया श्री संकट मोचन भगवान का जन्मोत्सव
नेहरू नगर स्थित बालाजी चौराहे पर आयोजित हुए कार्यक्रम में हजारों भक्तों ने लगाई भक्ति भावना की डुबकियां
हनुमान जयंती के अवसर पर श्रद्धालुओं ने भक्तिमय भजनों पर किया नृत्य
बुधवार रात 11 बजे शुरू हुआ आयोजन सुबह हुआ सम्पन्न
Times7news : कानपुर – नेहरू नगर बालाजी चौराहे पर स्थित श्री बालाजी मंदिर में हनुमान जयंती के अवसर पर पिछले 39 वर्षों से निरंतर हनुमान जन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजित होता चला आ रहा है । श्री बालाजी मंदिर समिति के सहयोग से भव्य जागरण भक्ति नृत्य और संगीत का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
इस बार बुधवार की रात कार्यक्रम शुरू हुआ जिसमें राधा कृष्ण, कृष्ण लीला एवं नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। हनुमान जयंती के अवसर पर भक्तो ने हनुमान जी के सुंदर सुंदर भजनों का रसपान किया । इस कार्यक्रम में, हजारों की संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल रहे। और सुबह कार्यकम के समापन के पश्चात सभी भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया।
बालाजी मंदिर समिति के संयोजक संजय अग्रवाल ने बताया कि पिछले 39 वर्षों से श्री संकट मोचन भगवान हनुमान जी जयंती के पूर्व रात्रि पर जन्म उत्सव का आयोजन किया जाता है। रात भर भक्ति भाव में डूबकर भक्त नृत्य संगीत का आनंद लेते हैं। कार्यकर्ता मल्लू गुप्ता ने बताया की इस आयोजन में हजारों की तादाद में महिलाएं और पुरुष समिलित होकर भक्ति भाव के गोते लगाते हैं।
आपको बताते चलें कि चैत माह में हनुमान जी का जन्मोत्सव मानने का क्यामहत्व है, जैसा कि आप सभी जानते है कि संकट मोचन श्री हनुमान जी की बाल अवस्था से जुड़ी एक कथा है, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि श्री हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार है जिन्हे अष्ट सिद्धियां नौ निधियां प्राप्त है,इस वजह से हनुमान जी के पास अपार शक्तियां हैं, उन्ही शक्तियों के कारण हनुमान जी ने बाल अवस्था में भूख लगने की वजह से सूर्य देव को अपने मुख में भर लिया जिससे पूरा विश्व अंधकार में डूब गया और इस सारे दृश्य को राहु देख रहा था, जिसने इसकी जानकारी इंद्र देव को दी और क्रोध में भरे हुए इंद्र देव ने हनुमान जी पर अपने ब्रज प्रहार कर दिया जिससे हनुमान जी मूर्छित होकर गिर पड़े और जब यह बात पवन देव को मालूम हुई तो उन्होंने समस्त भूमंडल से वायु को खीच लिया जिससे समस्त भूमंडल पर त्राहि त्राहि मच गई और फिर समस्त देवताओं ने जाकर यह बात ब्रम्हा जी को बताई तो ब्रम्हा जी ने हनुमान जी की मूर्छा दूर की। तभी से श्री हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता हैं।