फर्जी प्रपत्र तैयार कर षड्यंत्र कारी बने करोड़ों की जमीन के स्वामी दर्ज हुआ मुकदमा
फर्जी प्रपत्र तैयार कर षड्यंत्र कारी बने करोड़ों की जमीन के स्वामी दर्ज हुआ मुकदमा
संस्था की करोड़ों की जमीन में बने विद्यालय व विद्यालय के बच्चों के खेलने की जमीन को हथियाने के लिए षड्यंत्र कारियों ने बदली वलदियत
मामला कानपुर देहात जैनपुर अकबरपुर त्रिलोकी नाथ गुप्ता स्मारक इण्टर कॉलेज का
TIMES7NEWS – आपको बताते चलें कि कानपुर बर्रा थाना क्षेत्र के रहने वाले रविंद्र कुमार सिंह पुत्र विश्राम सिंह ने षड्यंत्र कारियों के विरुद्ध माननीय न्यायालय में 156/3 का वाद दाखिल कर कूट रचित प्रपत्रों द्वारा त्रिलोकी नाथ गुप्ता स्मारक इण्टर कॉलेज और क्रीड़ा घर एवं विद्यालय का बैंक में जमा कोष को हड़पने वालों के विषय में दबंग जालसाजों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के लिए अपील की थी जिसपर न्यायालय मुख्य न्यायधीश कानपुर देहात के आदेश पर थाना अकबरपुर जिला कानपुर देहात पुलिस ने षड्यंत्र कारियों के विरुद्ध 24 मार्च 2023 को आईपीसी की धारा 420,467,468,471 व 506 के तहत हरिओम गुप्ता, आशीष गुप्ता,राजेंद्र कुमार गुप्ता, अरुण कुमार गुप्ता, सतीश कुमार गुप्ता पुत्रगण रामप्रकाश गुप्ता और साधना गुप्ता पत्नी राजेंद्र कुमार गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की लेकिन फिर भी दबंग षड्यंत्र कारियों पर कोई असर नहीं पड़ा और त्रिलोकी नाथ गुप्ता स्मारक इण्टर कॉलेज संस्था के उत्तराधिकारी बनकर नवीन प्रबंध समिति का निर्वाचन कर प्रबंध समिति के सरसम्मती से अजय कुमार मिश्र को विद्यालय का प्रबंधक नियुक्ति कर हस्ताक्षर प्रमाणित कराने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक कानपुर देहात को 14 मार्च 2024 को प्रार्थना पत्र दिया जिसपर जिला विद्यालय निरीक्षक ने 7 मार्च 2024 को जालसाजों के कथनानुसार हस्ताक्षर नमूने भी प्रमाणित कर अजय कुमार मिश्र को विधालय का प्रबंधक नियुक्ति कर दिया।
जबकि शिकायत कर्ता के मुताबिक एक वर्ष पहले ही इन षड्यंत्र कारियों द्वारा रची गई साजिश की संपूर्ण जानकारी जिला विद्यालय निरीक्षक कानपुर देहात को थी।
जबकि इस विषय में कार्यालय उप निबंधक फर्म्स सोसाइटीज तथा चिट्स कानपुर ने त्रिलोकी नाथ गुप्ता स्मारक इण्टर कॉलेज के फर्जी प्रबंधक को रामप्रकाश गुप्ता को 7 फरवरी 2020 को पत्रांक संख्या 3732/ के0 – 28680 जारी कर षड्यंत्र कारियों द्वारा दिए गए प्रपत्रों को फर्जी बताते हुए सोसा0रजि0अधि0 1860 की धारा 12 डी के अंतर्गत निरस्त करने लिए नोटिस जारी किया गया था। फिर भी जिला विद्यालय निरीक्षक महोदय ने षड्यंत्र कारियों से याराना निभाते हुए अजय कुमार मिश्र के प्रबंधक नियुक्ति के हस्ताक्षर प्रमाणित कर दिए और अपने को बचाते हुए हस्ताक्षर प्रमाणित पत्र में यह भी उल्लेखित कर दिया कि उपलब्ध कराए गए अभिलेखों में आप द्वारा गोपन किया गया संज्ञान में आता है तो किए गए हस्ताक्षर स्वतः निरस्त माने जाएंगे और उसके लिए खुद जिम्मेदार होंगे।
सबसे अहम बात तो यह है कि इन जालसाजों ने अपने पिता का नाम बदल त्रिलोकी नाथ गुप्ता को अपना पिता बना कर फर्जी प्रपत्र तैयार कर पूरी संस्था हथिया ली और पूर्व में जो वास्तविक सदस्य थे उनको संस्था से निष्कासित कर विद्यालय और विधालय का बैंक में जमा धन सब डकार गए जिसके विषय में संस्था के आजीवन सदस्य रविन्द्र कुमार सिंह ने संबंधित थाना, मुख्य न्यायाधीश कानपुर देहात, उप निबंधक फर्म्स सोसाइटीज चिट्स कानपुर और जिला विद्यालय निरीक्षक कानपुर देहात सबको लिखित तौर पर अवगत करा दिया और थाना अकबरपुर ने भी मुख्य न्यायाधीश कानपुर देहात के आदेश पर मुकदमा पंजीकृत कर दिया फिर भी जिला विद्यालय निरीक्षक अचल कुमार मिश्र ने हस्ताक्षर प्रमाणित कर दिए क्यों?
इससे तो यह प्रतीत होता है कि दाल में कुछ काला नही पूरी की पूरी दाल ही काली है।
अब ईश्वर ही जाने कि इन षड्यंत्र कारियों पर योगी बाबा जी की तीसरी आंख का प्रकोप पड़ेगा या फिर धन लोलुप भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण में ये जालसाज ऐसे ही मौज काटते रहेंगे।