सरकारी भूमि पर दबंगो द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माण की शिकायत पर नौबस्ता थाना क्षेत्र स्थित बूढ़पुर मछरिया पहुंची कानपुर सदर तहसील टीम
सरकारी भूमि पर दबंगो द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माण की शिकायत पर नौबस्ता थाना क्षेत्र स्थित बूढ़पुर मछरिया पहुंची कानपुर सदर तहसील टीम
शिकायत कर्ता ने आराजी संख्या 1113, 1114,1115,1116 व 1127 सरकारी सीलिंग भूमि पर दबंग राजा सिंह ,राम प्रताप सिंह एवं उसके भाई द्वारा बिक्री जाने के लगाए गंभीर आरोप
मौके पर पहुंचे राजस्व अधिकारी रिचा सचान ने नक्शा से मुआवना कर निर्माण करा रहे अबसार नाम के व्यक्ति को प्लांट की रजिस्ट्री सहित बुला की जांच पड़ताल
जांच पड़ताल के बाद शिकायत कर्ता और निर्माण करा रहे दोनो व्यक्तियों सोमवार को तहसील में कागजात प्रस्तुत करने की बात कह हो रहे निर्माण पर लगाई रोक
कानून गो रिचा सचान ने 1115 आराजी संख्या की भूमि को आधा भाग आवास विकास परिषद एवं आधा भाग राम प्रताप सिंह की बताया
TIMES7NEWS – कानपुर दक्षिण थाना नौबस्ता क्षेत्र आवास विकास चौकी अंतर्गत बूढ़पुर मछरिया 9 सितंबर 2021 को कानपुर विकास प्राधिकरण ने बिठूर विधानसभा विधायक द्वारा दिए गए शिकायती पत्र का संज्ञान लेते हुए केडीए अधिकारी ने मौके पर पहुंच बूढ़पुर मछरिया की आराजी संख्या 900, 1113, 1114, 1115, 1116, 1127 एवं 1131 को सरकारी भूमि होने की बात कह कर हो रहे निर्माण कार्य को रुकवा सीमांकन व चिन्हांकन होने तक किसी भी प्रकार के निर्माण न किए जाने की दी थी सख्त हिदायत और 1115 आराजी संख्या की जमीन को अपनी भूमि बताते हुए शटरिंग लगे एक भवन पर सील की कार्यवाही भी की थी।
इसके पूर्व तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ सदर तहसील एसडीएम पूजा यादव ने 5 जनवरी 2021को अपने पत्र में भी उक्त आराजी को कानपुर विकास प्राधिकरण के स्वामित्व की भूमि बताया और रामप्रताप सिंह ,राजा सिंह , भानु प्रताप सिंह, शेरा सिंह और उनके परिजनों को सरकारी जमीनों पर निजी आराजी संख्या डालकर कब्जा करने के विषय में लिखा था जिस पर तत्कालीन मंडलायुक्त कानपुर मंडल राजशेखर जी ने प्राधिकरण को इस प्रकार के गंभीर अपराध पर कड़ी कार्यवाही हेतु 1अप्रैल 2021को अपने पत्र में लिखा था जिस पर कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने नौबस्ता थाने को पत्र लिख जमीन के संरक्षण में सहयोग देने के लिए लिखते हुए कहा कि जब तक समस्त भूभाग की सयुक्त पैमाईश नहीं हो जाए इन जमीनों पर कोई निर्माण कार्य न हो।
अब वर्तमान में बिना प्राधिकरण और आवास विकास की जमीन को संरक्षित किए हुए ,बिना कानपुर विकास प्राधिकरण से नक्शा पास करवाए हुए और बिना जिलाधिकारी महोदय से भूपरिवर्तन करवाए हुए इन जमीनों पर हो रहे अवैध निर्माण में किन किन अधिकारियों की कृपा दृष्टि है ये विचारणीय प्रश्न है?
पिछले तीन वर्षो से लगातार कानपुर विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद की जमीनों को सक्रिय भूमाफियाओं द्वारा कब्जियाने और बिक्री किए जाने की विभागीय प्रशासन को जानकारी होने के बाद भी अभी तक केवल कागजों में ही कार्यवाही चल रही हैं क्या कोई जमीनी कार्यवाही होगी या फिर जांच पड़ताल ही चलती रहेगी।