कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की ढुलमुल कार्यवाही के चलते चोर और लुटेरों का आतंक
कानपुर दक्षिण के थानों में लूट जैसे संज्ञेय अपराधों में घटना के 10 से 20 दिनों बाद ही दर्ज होती FIR आखिर क्यों?
कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की ढुलमुल कार्यवाही के चलते चोर और लुटेरों का आतंक
कानपुर दक्षिण के थानों में लूट जैसे संज्ञेय
अपराधों में घटना के 10 से 20 दिनों बाद ही दर्ज होती FIR आखिर क्यों?
क्या कानपुर कमिश्नरेट पुलिस से चोर और लुटेरों के है कोई खास संबंध
TIMES7NEWS – कानपुर दक्षिण : आइए आपको बताते है, कि ऐसा हम नही कह रहे ये कानपुर दक्षिण के थाना बर्रा और हनुमंत विहार में दर्ज हुई FIR कह रही है,थाना बर्रा में ईसा अरोड़ा पत्नी सन्नी अरोड़ा निवासी एमआईजी बर्रा 2 – 20 अक्टूबर को स्कूल से घर जाते वक्त दो अज्ञात लुटेरे पीड़िता के गले से मंगलसूत्र ले उड़े लेकिन मामला 1 नवम्बर को दर्ज हुआ।
मतलब 11 दिन बाद आखिर क्यों बर्रा पुलिस ने घटना को इतने दिनो तक लटकाए रखा और पीड़िता भटकती रही?
वही 8 अक्टूबर को दूसरी घटना का शिकार हुई संतोष शर्मा पत्नी प्रमोद कुमार शर्मा निवासनी – जय मां अपारमेंट बसंत विहार, नौबस्ता से स्कूटी से अपनी मां के घर बच्चों के साथ जा रही थी तभी अचानक पूर्ण चंद व स्वामी विवेकानंद विद्यालय मोड़ से पहले दो अज्ञात TVS जुपिटर सवार बदमाश गले की चैन तोड़कर भाग निकले और घटना 1 नवंबर को दर्ज हुई।
मतलब 23 दिन बाद इतने दिनो तक क्या करती रही बर्रा पुलिस?
एक FIR हनुमंत विहार थाने में 31 अक्टूबर को गोविन्द नगर यू ब्लाक निवासी राजेश वर्मा पुत्र महावीर प्रसाद ने दर्ज कराई जिसमें 17 सितंबर 2022 को गुलमोहर पब्लिक स्कूल 10 वीं कक्षा में पढ़ने वाले छोटे बेटे सक्षम को बाईक से लेने जा रहा था बड़ा बेटा आर्यन और जैसे ही स्कूल के गेट के करीब पहुंचा उसी समय एक दबंग कार चालक ने उसकी बाईक में टक्कर मार दी और जब उसने उसका विरोध किया तो कार चालक ने उसपर कार चढ़ाने का प्रयास किया लेकिन तब उसके छोटे भाई ने देख लिया और अपने कुछ स्टूडेंट के साथ पहुंच गया जिसपर दबंग कार सवार ने कार कुछ दूर पर खड़ी कर वापस अपने दो साथियों व एक महिला को साथ लेकर स्कूल के सामने आकर आर्यन और उसके छोटे भाई पर जमकर लात घूसे और बेल्टें बरसाई और जान से मारने की धमकी देते हुए चला गया। 43 दिन लग गए पुलिस को मुकदमा दर्ज करने में आखिर वो कौन सी मजबूरी थी हनुमंत विहार पुलिस की ?
क्या वजह है की कानपुर कमिश्नरेट पुलिस लूट चोरी और जानलेवा घटनाओं जैसे संज्ञेय अपराधों में मामले दर्ज करने में हीला हवाली करती हैं,और पीड़ित को चक्कर पे चक्कर लगाने लगाने पड़ते हैं।
ऐसे में पुलसिया कार्यशैली पर कई प्रश्नचिन्ह खड़े होते नजर आ रहे है?