कानपुर देहात पुलिस और तहसील प्रशासन की घृणित अतिक्रमण कार्यवाही में मां बेटी जलकर हुई खाक
एसडीएम,कानूनगो ,लेखपाल ,sho रूरा सहित दर्जनों लोगों पर गम्भीर धाराओं में दर्ज हुई fir
कानपुर देहात पुलिस और तहसील प्रशासन की घृणित अतिक्रमण कार्यवाही में मां बेटी जलकर हुई खाक
एसडीएम,कानूनगो ,लेखपाल ,sho रूरा सहित दर्जनों लोगों पर गम्भीर धाराओं में दर्ज हुई fir
कुछ महीने पहले भी शिवली थाना पुलिस ने बर्बरता से बलवंत सिंह की थी हत्या और एसपी देहात ने अपने बयान में कहा की अटैक पड़ने से मौत
TIMES7NEWS – कानपुर देहात रूरा थाना क्षेत्र अंतर्गत मड़ौली गांव में देहात पुलिस और तहसील प्रशासन द्वारा सरकारी जमीन पर की गई अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही में मां प्रमिला बेटी नेहा जिंदा जलकर राख हो गई,और पिता कृष्ण गोपाल दीक्षित भी बुरी तरह झुलस गया।
दर्जनों की संख्या में मौके पर मौजूद पुलिस,एसडीएम,लेखपाल,कानूनगो खड़े जलता देखते रहे, उन्हे बचाना तो दूर की बात जेसीबी से छप्पर गिरा दिया,जिससे सबके सब जलकर भस्म हो जाएं,या यों कहें कि पूरी योजना बद्ध तरीके से पुलिस और तहसील प्रशासन ने घटना को अंजाम देने ही गए थे।
13 फरवरी 2023 को एसडीएम देहात द्वारा क्षेत्राधिकारी अकबरपुर को एक पत्र प्रेषित कर अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण के लिए पुलिस फोर्स की मांग की गई,जबकि उस पत्र के अनुसार जनवरी 2023 को गरीब का आशियाना उजड़ा जा चुका था।और पीड़ित पर आ0स0 0014- धारा 447,353,504 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज उसे अपराधी भी बना दिया गया।और फिर दुबारा उसके छप्पर को उजड़ने की कार्यवाही कर डाली।
जबकि जरा सी जमीन वो भी ग्राम समाज की।
पीड़ित ने पूर्व में हुई कार्यवाही के बाद जिलाधिकारी नेहा जैन को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई थी।लेकिन निर्दयी DM ने फरियादी की फरियाद सुनना दूर की बात उसपर मुकदमा दर्ज करा अपराधी बना डाला।
जबकि कानपुर नगर और देहात में सैकड़ों ऐसे भूमाफिया राजस्व अधिकारियों की सांठ गांठ से बड़ी बड़ी जमीनें ऊसर, बंजर, परती, ग्राम समाज,चारागाह, तालाब और झील कब्जा कर डकार गए,और वो खुलेआम घूम कर मौज काट रहे है, न तो उन लोगों पर कोई कार्यवाही हुई और न ही उनके घरों पर बुल्डोजर चला।
फिलहाल राजीतिक पार्टियों को अपनी राजनीत चमकाने के लिए एक अवसर जरूर मिल गया।इस ह्रदय विदारक घटना की जानकारी लोगों को मिली तो प्रदेश के सभी राजनैतिक दल हल्ला बोल घटना स्थल पर पहुंचने का प्रयास कर अपना अपना झंडा तान रहे है।
कल मंत्री प्रतिभा शुक्ला वारसी ने भी घटना स्थल पर पहुंच पीड़ित परिवार के प्रति अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त कर उदारता दिखाते हुए ढांढस बंधाते हुए मीडिया से रूबरू होते बताया की मुझे नही मालूम था की इतनी बड़ी घटना घटित हो जायेगी। जबकि पहले से पूरा मामला उनके संज्ञान में था।
उनके साथ के कार्यकर्ताओं ने पीड़ित के समर्थन में खड़े ब्राह्मण नेता दुर्गेश मणि त्रिपाठी जी के पूरे खानदान की कहानी सुनाते हुए उनके साथ अभद्र व्यवहार कर रहे थे और मंत्री प्रतिभा शुक्ला खड़ी तमसा देख रही थी।
वही अन्य राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि अपनी राजनैतिक रोटियां सेकने के लिए दौड़ लगाने लगे परंतु एक मृत मां बेटी की कुछ रकम मुआवजा और जमीन के साथ सरकारी नौकरी के आश्वाशन पर माननीय उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक जी ने विरोधियों से वो भी मौका छीन लिया ।
जहां जिला अधिकारी महोदया जी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश देकर जांच में खाना पूर्ति की कोशिश की वही माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने निष्पक्ष जांच के लिए एक विशेष जांच दल बनाकर राजस्व के अधिकारियों को बचाने में जिलाधिकारी के प्रयासों पर पानी फेर दिया है।
आज बिठूर में आला अधिकारियों के साथ सैकड़ों की संख्या में पुलिस और पीएसी की निगरानी में मां बेटी का अंतिम संस्कार करा दिया गया।
अब देखना है कि राजस्व की सरकारी भूमि की दलाली कब और कैसे बंद होगी अथवा ऐसे ही अन्य कई लोगो की जान लेती रहेगी?
क्या ,एसडीएम, कानूनगो, लेखपाल और पुलिस व अन्य लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया है।उसमें से कितनो पर कार्यवाही कर कब सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।