वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
36 साल पुराने आर्म्स एक्ट मामले में अदालत ने सुनाया फैसला और आर्थिक दंड से भी किया दंडित
TIMES7NEWS – आज माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को वाराणसी की MP-MLA कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के मामले में सजा सुना दी है, कोर्ट ने माफिया मुख्तार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, कोर्ट ने बीते मंगलवार को ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसके बाद आज फैसला सुनाया गया है।
मंगलवार को फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे,बता दें कि फर्जी शस्त्र लाइसेंस में मुख्तार के खिलाफ यह 8वां मामला था जिसमें कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया इससे पहले माफिया को सात मामलों में सजा हो चुकी है, इन सात मामलों में से तीन मामलों पर सजा वाराणसी की एमपी- एमएलए कोर्ट ने ही सुनाई थी।
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अवनीश गौतम की कोर्ट ने आज इस मामले में सजा सुनाई ,इस दौरान मुख्तार अंसारी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया। माफिया पर आरोप था कि गाजीपुर के डीएम और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर उसने शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया था। न्यायाधीश अवनीश गौतम की इसी अदालत ने 5 जून 2023 को चर्चित अवधेश राय हत्याकांड में माफिया मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।अभियोजन पक्ष के मुताबिक 10 जून 1987 को मुख्तार अंसारी ने दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के डीएम को प्रार्थना पत्र दिया था। 4 दिसंबर 1990 को लाइसेंस में फर्जीवाड़ा का मामला उजागर होने के बाद सीबीसीआईडी ने गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी समेत पांच नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के खिलाफ 1997 में आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया गया। सुनवाई के बिच में ही तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो जाने के कारण 18 अगस्त 2021 को उसके खिलाफ मुकदमा खत्म कर दिया गया था।