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EDITORIAL
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ये अर्णव गोस्वामी पर हमला नहीं वरन देश के हर उस मीडिया कर्मी पर हमला है, जो सच्चाई और देश हित की बात करता है, यह कोई पहला मौका नहीं है, जब सही आवाज उठाने के लिए किसी मीडिया कर्मी को हिंसा का शिकार होना पड़ा है, सभी पत्रकार भाइयों एवं मीडिया हाउसेज को एक साथ मिलकर आवाज उठानी चाहिए वरना हीरा मोती दो बैल थे दोनों की जोड़ी को शेर भी नहीं हरा सकता था। लेकिन दोनों के बीच मतभेद कराकर शेर ने पहले हीरा को मारा फिर मोती को भी खा गया बहुत पुरानी कहानी है, मगर आज भी उतनी ही Relevant है, आज अर्णव गोस्वामी है,कल दीपक चौरसिया भी हो सकते हैं,रजत शर्मा भी हो सकते हैं, सुधीर चौधरी भी हो सकते हैं, और कोई भी हो सकता है,हमें सच्चाई के साथ एक हो जाना चाहिए आज समय और देश दोनों को हमारी एकता की महती आवश्यकता है।
चीफ एडीटर:- Times7news (सुशील निगम)