EDITORIAL
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आज भारत में लाक डाउन का 37 वां दिन है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आवाहन पर देश की जनता अपने घरों में सिमट गई कारोबारी अपना कारोबार छोड़कर अपने प्रिय प्रधानमंत्री जी के साथ कोरोना युद्ध में सम्मिलित हो गए।इस बात से इतर कि उन्हे कितना नुकसान होगा पूरा देश एकजुट होकर अगर कुछ ऐसे लोगों को छोड़ दिया जाए जो कोरोना को बकरी का बच्चा समझकर पालना चाह रहे थे। सारा देश सभी अनिवार्य तथ्यों से परिचित है,किसी को कुछ समझाने या बताने की जरूरत ज्यादा नहीं पड़ी अब जबकि प्रत्येक व्यक्ति अपने स्तर से हर संभव प्रयत्न करके देश, सरकार और दुनिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।कोरोना और अन्य संभावित दुश्मनों को हराने के लिए वास्तविकता में पूरी दुनिया इस समय कोरोना को एक युद्ध की संज्ञा दे रही है। और सारी दुनिया इस युद्ध में चाहते या न चाहते हुए सम्मिलित भी है। ईश्वर जाने कि इस युद्ध का परिणाम क्या होगा।इसके परिणामों का किस पर और क्या व्यापक असर पड़ेगा यह तय कर पाना भी बहुत कठिन कार्य है। लेकिन इतना तो तय है, कि समस्त संसार एक नए प्रकार के युद्ध में सम्मिलित है। यह भी नहीं कहा जा सकता आने वाले निकटतम भविष्य में इस युद्ध का क्या स्वरूप होगा कितनी भयावहता होगी कितना बड़ा संकट होगा और कौन इससे अछूता रह सकेगा बस समय और परिस्थितियों के अनुसार इतना तो कहा जा सकता है। भारतीय प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी के नेतृत्व में और उनकी प्रखर सूझबूझ के चलते भारत में काफी हद तक मनोवैज्ञानिक जीत अभी तक इस युद्ध में दर्ज कर रखी है। ईश्वर करें यह जीत अंत तक जाए हम इस युद्ध के विश्व विजेता बने।
चीफ एडीटर :- सुशील निगम