सरकारी जमीनों पर दबंग भूमाफियाओं का चल रहा अपनी निजी आराजी डाल बेचने का खेल
भोले भाले मजलूम, बेसहारों की जीवन भर की गाढ़ी कमाई,,फर्जी रजिस्ट्री कर भूमाफिया खा रहे मलाई
भूमाफिया सरकारी जमीनों में अपनी निजी आराजी डाल बेच राजस्व को लगा रहे चूना
कानपुर दक्षिण में सालों से भूमाफियाओं और राजस्व अधिकारियों की मिली भगत से कानपुर विकास प्राधिकरण,आवास विकास, ऊसर,बंजर ,परती और तालाब की सरकारी जमीनों में अपनी निजी अराजियों को डाल भोले – भाले गरीब मजरूमों को फंसा उनकी जीवन भर की जमा पूंजी को डकार राजस्व को भी चूना लगा रहे हैं और उन भूमाफियाओं को संरक्षण दे रहे राजस्व विभाग अधिकारी और उनके द्वारा बेची गई जमीनों में दाखिल खारिज कर उन मासूम लोगों को मूर्ख बना अपनी जेबें भर रहे हैं और फिर उन्हीं मासूम लोगों की जमीनों पर दूसरे दबंग भूमाफिया इसी का फायदा उठाकर जबरदस्ती कब्जा कर दूसरे अन्य को बेचने का काम कर रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला कानपुर दक्षिण नौबस्ता थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थिति बूढपुर मछरिया की आराजी संख्या 1117 और रकवा 182 वर्ग गज का है जिसे ताराचन्द ने अपनी जमीन बताकर साबरी बेगम पत्नी स्व. फैजुल हसन निवासी हंसपुरम को 13 /11/2019 को 26 लाख रुपए लेकर उप निबंधक कार्यालय में रजिस्ट्री कर बेचा दिया था और साबरी बेगम के अनुसार अपने प्लाट में बाउंड्री, गेट लगा अपने बुढ़ापे के सहारे और मानसिक विकलांग दो बेटियों और एक बेटे के लिए आशियाना बनाने के लिए छोड़ रक्खा था, लेकिन अचानक एक दूसरे भूमाफिया संदीप मिश्रा की नियत खराब हुई और 2022 में संदीप मिश्रा ने दर्जन भर दबंगो के साथ जाकर उस मजलूम, बेसहारा के प्लाट का ताला तोड़ कब्जा कर लिया। पीड़िता साबरी बेगम ने जिसकी शिकायत नौबस्ता पुलिस से की लेकिन नौबस्ता पुलिस ने राजस्व विभाग अधिकारियों द्वारा जांच कराने का हवाला देते हुए पीड़िता को चलता कर दिया,तब पीड़िता ने कानपुर जिला अधिकारी से लेकर पुलिस कमिश्नर तक न्याय कि गुहार लगाई लेकिन क्षेत्रीय पुलिस, भूमाफियाओं और राजस्व अधिकारियों की मिली भगत के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया। तब पीड़िता ने माननीय न्यायलय का दरवाजा खटखटाया और न्यालय ने पीड़िता के पक्ष में स्टे ऑर्डर जारी कर दिया, इसके बाद भी दबंग भूमाफिया संदीप मिश्रा ने अपनी निजी आराजी संख्या 1122 डालकर दो अन्य लोगो को प्लाट बेंच डाला और फिर उन्हें कब्जा देने के कुत्सित प्रयास में जुट गया। जिसकी पीड़िता को 8 सितंबर की दोपहर जानकारी मिली कि उसके प्लाट पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा किया जा रहा हैं,तब पीड़िता अपने तीनो मानसिक विकलांग बच्चों को लेकर प्लाट पर पहुंची और विरोध किया जिस पर पीड़िता की नातिन साहिदा फातिमा ने 112 नंबर डायल कर पुलिस को सूचना दी तो खिसियाए दबंगो ने उसकी नातिन के साथ मारपीट कर दी लेकिन समय रहते मौके पर क्षेत्रीय चौकी इंचार्ज अकरम आवास विकास पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और मामले को शांत करा गेट में ताला लगवा चाभियां अपने सुपुर्द कर एक पेंटर को बुला गेट पर न्यायलय द्वारा प्राप्त स्टे ऑर्डर में दिए गए आदेशों को गेट पर लिखवा दिया,और हिदायत दी कि कोई भी प्लाट पर न आए जब तक न्यायलय द्वारा को स्वीकृत न मिले,अगर किसी किसी प्रकार की हरकत की तो उसपर सख्त कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब आराजी संख्या 1123 कानपुर विकास प्राधिकरण की जमीन है तो फिर उसे बेचने वाले भूमाफिया संदीप मिश्रा पर अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई?
1123 आराजी संख्या की भूमि पर जब भूमाफिया ताराचंद ने कब्जा कर 1117 डाल कर साबरी बेगम को बेचा था तो राजस्व विभाग ने दाखिल खारिज कैसे कर दिया?
जब न्यालय ने पीड़िता को स्टे ऑर्डर दे रखा था तो उसी जमीन को संदीप मिश्रा ने 1122 आराजी डाल कर रजिस्ट्री कैसे कर दी?
सबसे अहम सवाल ये है कि स्टे ऑर्डर होने के बावजूद सालों से संदीप मिश्रा द्वारा कब्जा करने का प्रयास लगातार किया जा रहा हैं और पुलिस के पास लिखित शिकायत होने के बाद भी नौबस्ता पुलिस ने अभी तक संदीप मिश्रा पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की?
जबकि यह संदीप मिश्रा उसी चंद्रबदन मिश्रा का भतीजा है जिस पर 19/06/2021 को नौबस्ता में इसी आराजी संख्या 1122 डालकर अन्य सरकारी भूमि आराजी संख्या 881 पर जबरन कब्जा कर प्लॉट बिक्री का मुकदमा संख्या 470/21 दर्ज है ।
क्या इन भूमाफियाओं को पुलिस प्रशासन का कोई डर नही या फिर इन्ही का संरक्षण प्राप्त है।