बरसाती पानी से भरे सेफ्टी टैंक की शटरिंग खोलने उतरे 3 श्रमिकों की मौत
सबसे पहले टैंक में उतरे शिवा तिवारी को बचाने में हुई बाकी दोनों की मौत
बरसाती पानी से भरे सेफ्टी टैंक की शटरिंग खोलने उतरे 3 श्रमिकों की मौत
सबसे पहले टैंक में उतरे शिवा तिवारी को बचाने में हुई बाकी दोनों की मौत
ठेकेदार की लापरवाही से हुआ हादसा पुलिस के साथ मुआवजा की मांगों को लेकर हुई प्रदर्शनकारियों की धक्का-मुक्की
मरने वाले तीनों श्रमिक बिल्कुल युवा
TIMES7NEWS – कानपुर : दक्षिण थाना बर्रा मालवी बिहार मकान नंबर 120 जोकि कालपी में रहने वाले कैलाश बाबू का है। ठेकेदार बाल गोविंद पाल के देखरेख में निर्माणाधीन है, जिसमें आज 11:30 बजे के लगभग सेफ्टी टैंक की शटरिंग खोलने का काम करवाना था।जिसके लिए ठेकेदार ने जानबूझकर बरसाती पानी से भरे टैंक में श्रमिक शिवा तिवारी को उतार दिया शिवा के टैंक में उतरते ही जो भी हुआ हो वह मूर्छित हो गया साथी को बेहोश होते देख अमित और अंकित दोनों उसे बचाने के लिए टैंक में कूद पड़े और देखते ही देखते वह भी बेहोश हो गए आनन-फानन में क्षेत्रीय लोगों द्वारा पुलिस को सूचना दी गई मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों को बाहर निकलवाया जिसमें शिवा तिवारी की मृत्यु हो चुकी थी, बाकी दो को पुलिस ने रीजेंसी हॉस्पिटल भेजा जहां चिकित्सकों द्वारा उन्हें भी मृत घोषित कर दिया गया। शव उठाने को लेकर परिजनों में रोष व्याप्त हो गया उनकी मुआवजे की मांग पर प्रशासन द्वारा कोई भी ध्यान ही नहीं दिया गया, जिसके चलते मौके पर उपस्थित भीड़ से पुलिस की धक्का-मुक्की भी हुई हालांकि मौके पर कई थानों की फोर्स बुलाई गई और कई घंटों की जद्दोजहद के बाद मकान मालिक और ठेकेदार से थाने में बातचीत का आश्वासन दिया गया तब जाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका, हालांकि यहां पर गलती सरासर ठेकेदार की है,अगर उसे शटरिंग खुलवानी थी तो टैंक का पानी उसे पहले निकलवाना चाहिए था, अभी सही से जिंदगी से रूबरू भी नहीं हो पाए थे की मौत उन तीनों को निकल गई,जिसके लिए ठेकेदार ही सीधा जिम्मेदार है।
आब यह बात समझने वाली है, कि पुलिस ने ऐसे हालात क्यों पैदा कर दिए की भीड़ को पुलिस से धक्का-मुक्की करनी पड़ी?