योग दिवस को पूर्णता के साथ सीएसजेएमयू ने वृहद स्तर पर समाज सेवार्थ किया आयोजित
सतीश महाना सहित शहर की गणमान्य एवं प्रसिद्ध हस्तियों ने शामिल होकर योगाभ्यास शिविरों की बढ़ाई सुंदरता
योग दिवस को पूर्णता के साथ सीएसजेएमयू ने वृहद स्तर पर समाज सेवार्थ किया आयोजित
सतीश महाना सहित शहर की गणमान्य एवं प्रसिद्ध हस्तियों ने शामिल होकर योगाभ्यास शिविरों की बढ़ाई सुंदरता
कानपुर के ग्रीन पार्क में भी विधायक सुरेंद्र मैथानी की अगुवाई में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया योग दिवस
(विपुल सिंह)- TIMES7NEWS कानपुर में आज जबकि चारों ओर भारत एवं भारतीय संस्कृति के पुनर र्निर्माण हेतु तमाम सारे विकल्पों का उपयोग किया जा रहा है, ऐसे में योग दिवस को कैसे भूला जा सकता है। संसार में योग केवल और केवल भारत एवं भारतीयता के पास ही था, है और रहेगा, बस उसके पुनर्जागरण की आवश्यकता है, क्योंकि कोई भी देश कोई भी राष्ट्र तभी मजबूत हो सकता है जब उसमें रहने वाले कंधे मजबूत हो और योग कंधों और भुजाओं को बल प्रदान करने वाला एक क्रियात्मक कृत्य है, इतना ही नहीं चेहरे पर चमकने वाला तेज भी योगिक क्रियाओं की ही देन है।
कानपुर छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय ने योग दिवस के अवसर पर योग से संबंधित सभी संदेश समाज कल्याण हेतु समाज में फैलाने के उद्देश्य से वृहद स्तर पर व्यापक योजना बनाकर कानपुर शहर में 101 स्थानों पर एक साथ योगाभ्यास के लिए आयोजन कराया विश्वविद्यालय ने स्वयं से संबंधित सात जिलों में भी लगभग 603 महाविद्यालयों ने योगाभ्यास के कार्यक्रमों का आयोजन किया। कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक एवं विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कानपुर के बोट क्लब पर आयोजित योगाभ्यास शिविर में हिस्सा लिया, विश्वविद्यालय परिषद में आयोजित शिविर में सांसद सत्यदेव पचौरी, विधायक नीलिमा कटियार, वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ वंदना पाठक, विधायक अभिजीत सांगा, विश्वविद्यालय सचिव डॉ अनिल कुमार यादव, इत्यादि ने छात्र छात्राओं समेत शिविर में भाग लिया।
कानपुर जिला कारागार में भी शिविर का आयोजन किया गया विश्वविद्यालय की ओर से सभी योगाभ्याशियों के लिए टीशर्ट एवं स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई।
शिविर में प्रतिभागी रहे हजारों की संख्या में लोगों के चेहरों पर योग को लेकर उत्साह परिलक्षित हो रहा था, ऐसा नहीं है कि शिविरों में केवल राजनीतिक और शैक्षणिक हस्तियों ने हिस्सा लिया हो गायत्री परिवार, इस्कॉन मंदिर परिवार, ब्रम्हाकुमारी परिवार, नीमा एनएसएस परिवार, एनसीसी और ग्राम पंचायत के सदस्यों तक ने बढ़-चढ़कर शिविरों में सिर्फ हिस्सा ही नहीं लिया, बल्कि लोगों को शिविर में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया शिविर में प्रतिभागी रहे सभी लोगों ने शिविर में आने वाले और ना आने वाले सभी लोगों को योग के प्रति जागरूक किया योगाभ्यास के तहत ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन, मकरासन, सेतुबंध आसन, कपाल भाति, सीतली, अनुलोम – विलोम, भ्रामरी, प्राणायाम और ध्यान का भी अभ्यास कराया गया। यह सभी चीजें हमारी भारत संस्कृति की ही देन है और हमारे लिए है। इनकी वजह से ही हम विश्व में नंबर एक रहे हैं, और इनका उपयोग करके बहुत शीघ्र फिर से विश्व में अपना परचम फहरा सकते हैं।