अपना ही पैसा लेने गए ठेकेदार को बिल्डर ने थमाई मौत
लगभग दोपहर के 12 बजे नरेश घई के भतीजे अनीश ने राजेंद्र पाल के बेटे को फोन कर सूचना दी कि तुम्हारे पिता बिल्डर के यहां रुपए मांगने गए हैं
- अपना ही पैसा लेने गए ठेकेदार को बिल्डर ने थमाई मौत
- बिल्डर ने मुंशी की मदद से पेट्रोल डाल ठेकेदार को जिंदा ही फूंक डाला
- मानसिक रूप से दिवालिया हो चुका समाज न कानून का डर न अपराध बोध
- हैवानियत की हदें पार कर जनमानस के बीच हो रहे अपराध
कानपुर : थाना चकेरी अंतर्गत श्याम नगर डी ब्लॉक निवासी बिल्डर शैलेन्द्र श्रीवास्तव की बिल्डिंगों में एन टू रोड एमईएस कालोनी निवासी राजेंद्र पाल 59 वर्षीय ठेकेदार कई वर्षों ठेके पर शटरिंग लगाने का काम करता था। ठेकेदार का 18 लाख रुपया बिल्डर नें हड़प कर रखा था। कई बार ठेकेदार द्वारा बिल्डर शैलेंद्र श्रीवास्तव से पैसे की मांग की लेकिन बिल्डर ने पैसे नहीं दिए और कोई ना कोई बहाना बनाकर टरका दिया। जब बुधवार को ठेकेदार राजेंद्र पाल अपने घर से बिल्डर के पास रुपए मांगने गया तो बिल्डर शैलेंद्र श्रीवास्तव और उसके मुंशी राघवेंद्र तिवारी ने ठेकेदार को पहले जमकर मारा पीटा और फिर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। मृतक के बेटे के द्वारा दी गई तहरीर पर थाना चकेरी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर त्वरित कार्यवाही करते हुए बिल्डर शैलेंद्र श्रीवास्तव एवं उसके मुंशी राघवेंद्र तिवारी को गिरफ्तार कर लिया पूछताछ जारी की पूछताछ के बाद दोनो हत्यारों को जेल भेज दिया।
लगभग दोपहर के 12 बजे नरेश घई के भतीजे अनीश ने राजेंद्र पाल के बेटे को फोन कर सूचना दी कि तुम्हारे पिता बिल्डर के यहां रुपए मांगने गए हैं वहां पर विवाद भी हो सकता है, इस पर वह बिल्डर की घर की तरफ गया और जैसे ही वहां पहुंचा तो देखा की पिता आग की लपटों में इधर उधर भागते हुए तड़प रहे थे जिन्हें लेकर काशीराम ट्रामा हॉस्पिटल पहुंचा काशीराम हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने गम्भीर हालात देखते हुए उर्सला अस्पताल रेफर कर दिया जहां पर डॉक्टरों ने राजेंद्र पाल को मृत घोषित कर दिया।
मृतक की बेटी ने बताया कि लगभग 10 सालों से पिताजी बिल्डर के साथ काम करते थे वह अक्सर पापा की पेमेंट रोक लेता था।जिस कारण पापा को करीब 18 लाख रुपए बिल्डर से लेने थे कोरोना कॉल से पहले पापा बिल्डर से अपनी रकम मांग रहे थे लेकिन बिल्डर हमेशा रुपए देने के लिए टालमटोल करता था। कई बार पिता ने पुलिस से भी शिकायत की लेकिन पुलिस ने कोई मदद नही की जिसकी वजह से काफी समय से मानसिक दशा भी बिगड़ गई थी अगर पुलिस कोई कार्यवाही करती तो शायद आज यह घटना नहीं होती।