TIMES 7 NEWS – बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 5 से 8 सितंबर तक भारत दौरे पर रहेंगी. सोमवार को भारत पहुंचने पर सबसे पहले वह हजरत निजामुद्दीन दरगाह जाएंगी और वहां इबादत करेंगी. आपको बता दें कि बांग्लादेश की पीएम का निजामुद्दीन दरगाह से बहुत पुराना संबंध है. 15 अगस्त, 1975 को वर्तमान बांग्लादेशी प्रधानमंत्री के पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान और उनके परिवार की हत्या के बाद शेख हसीना और उनकी बहन को भारत में शरण मिली थी.
साल 1975 से 1981 तक शेख हसीना और उनकी बहन दिल्ली में रही थीं. उनकी पहचान भी छुपाई गई थी. भारत में उन्हें तालुकदार के नाम से पहचान दी गई थी. अपने पिता और परिवार की मौत से हताश और दुखी शेख हसीना को आगे की राह नहीं सूझ रही थी. उन दिनों वह हजरत निजामुद्दीन दरगाह में अक्सर जाया करती थीं. साल 1981 में एक बार जब शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना निजामुद्दीन दरगाह गए तो उनके पास एक खादिम आए और कहा कि वह उन्हें कुछ दिखाना चाहते हैं.
थोड़ी देर में खादिम ने हसीना बहनों के सामने एक रजिस्टर रखा, जिसमें उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान के निजामुद्दीन दरगाह जाने का जिक्र था. शेख हसीना ने पाया कि उनके पिता 9 अप्रैल, 1946 को हजरत निजामुद्दीन दरगाह पर गए थे, और उस दिन 9 अप्रैल, 1981 की तारीख थी, जब शेख हसीना निजामुद्दीन गई थीं. उस पल ने शेख हसीना के मन में साहस जगाया और उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें वापस बांग्लादेश जाना चाहिए और अपने लोगों के लिए कुछ करना चाहिए. साथ ही उन्होंने अपने पिता और परिवार के हत्यारों को सजा दिलाने की भी ठान ली.