अपहृता की हत्या करने वाला हत्यारा जिम ट्रेनर विमल सोनी को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को एक लाख के पुरस्कार से गया नवाजा
अपहृता की हत्या करने वाला हत्यारा जिम ट्रेनर विमल सोनी को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को एक लाख के पुरस्कार से गया नवाजा
हत्यारा जिम ट्रेनर की गिरफ्तारी के बाद खुला राज पुलिस ने जमीन खोद निकाला महिला का कंकाल फोरेंसिक जांच के बाद भेजा पीएम हाउस
TIMES7NEWS – कानपुर शहर के वीआईपी एरिया में एक ऐसी सनसनीखेज मामला उजागर हुआ जिसने कमिश्नरेट पुलिस कि सुरक्षा व्यवस्था की पूरी पोल खोल कर रख दी चार महीने पहले घर से गई युवती की हत्या कर डीएम कंपाउंड के अंदर दफना दिया और कमिश्नरेट पुलिस को भनक भी नहीं लगी। फिलहाल पुलिस का कहना है कि घटना डीएम आवास परिसर में नहीं बल्कि पास के क्लब अंतर्गत हुई हैं। और एक तरफ पुलिस ये भी कह रहे हैं कि अचानक गायब हुई महिला की तलास में जुटी रही, लेकिन ये समझ में नहीं आता कि जहां पर महिला को जमीन के अन्दर दफन किया गया और फिर उसका कंकाल मिला वहां कानपुर शहर के कई बड़े बड़े अफीसर निवास करते हैं जहां चौबीसों घंटे पुलिस की अनुमति के बगैर एक पत्ता भी नहीं हिलता वहां एक अकेला व्यक्ति कैसे महिला कि हत्या कर उसकी लाश को डीएम कंपाउंड के अंदर 8 फुट गहरे गड्ढे में दफन कर चला गया और किसी को भनक तक नहीं लगी।
आपको बताते चलें कि चार महीने पहले व्यापारी की पत्नी एकता गुप्ता गायब हुई थी, जिसकी जिम ट्रेनर विमल सोनी ने हत्या कर शव को डीएम कंपाउंड के पास आफीसर कालोनी में बने क्लब के पास 8 फिट का गढ्ढा खोदकर दफना दिया और फरार हो गया था, लेकिन मृतिका के पति द्वारा दी गई तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने मु0आ0स0 131/24 की धारा 328/366 में मामला दर्ज कर नामजद आरोपी विनय सोनी पुत्र रामसेवक निवासी 85/65 शक्कर मिल खालवा थाना रायपुरवा की तलास में पुलिस की कई टीमें जुटी थी और पुलिस ने उसे चार माह की कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार कर राहत की सांस ली।
अपार पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था ने आज अपने कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को बताया कि 4 जून 2024 को एकता गुप्ता के पति द्वारा जिम ट्रेनर विमल सोनी के विरुद्ध दिए गए प्रार्थना पत्र पर कानपुर कोतवाली मुकदमा पंजीकृत कर विमल सोनी की तलास में पुलिस की कई टीमें लगाई गई थीं लेकिन शातिर ने अपना मोबाइल नंबर बन्द कर रखा था जिसकी वजह से पुलिस उस तक नहीं पहुंच पा रही थी और जैसे ही विमल सोनी अपने परिवार के संपर्क में आया पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और जब विमल से पुलिस द्वारा कड़ाई से पूंछताछ की गई तो उसने कबूल कर लिया कि उसने एकता की हत्या कर दी है।
जिम ट्रेनर विमल ने बताया कि ग्रीन पार्क स्थित जिम में एकता की उससे कहा सुनी हुई फिर कहसुनी होते हुए दोनों बाहर आए और कर के पास विमल ने गुस्से में एकता के गले में मुक्का मार दिया जिससे वह अचेत होकर गिर पड़ी फिर रस्सी और चुन्नी से गला घोंट कर हत्या कर दी, हत्या करने के बाद अपनी कार की सीट तोड़कर शव को कार में डालकर डीएम अंपाउंड के अन्दर बनी ऑफिसर्स कालोनी में ले के गया और फिट का गढ्ढा खोदकर दफना दिया। लेकिन पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद विमल ने जुर्म तो कबूल कर लिया लेकिन मृतिका के शव की बरामदगी के लिए पुलिस को गोल गोल घुमाता रहा लेकिन पुलिस ने जब अपना कड़ा रुख अपनाया तो पुलिस को सही जगह पर ले जाकर शव की बरामदगी करवा दी।एकता की बाडी को जब पुलिस ने 8 फिट के गहरे गड्ढे से बाहर निकलवाया तो केवल कंकाल ही मिला जिसकी परिजनों पहचान की तो पंचनामा भर पीएम हाउस भिजवा दिया और अग्रिम कार्यवाही करते हुए हत्यारे को जेल भेज दिया।
अब सवाल ये उठता है कि जब कानून के हाथ लम्बे होते है तो आरोपी इतने दिनों तक कैसे बचा रहता हैं?
जब जिम ट्रेनर विमल एकता के शव को दफन करने के लिए 8 फिट का गढ्ढा खोद रहा था तो क्या अपने साथ जेसीबी ले के गया था जो किसी को पता भी नहीं चल सका और शव को दफना कर चलता हुआ?
क्या यही कानपुर कमिश्नरेट पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था है कि जहां जिलाधिकारी का कंपाउंड हो बड़े बड़े ऑफीसर रहते हो न्याय करने वाले जज रहते हो और वहां पर भी कोई किसी हत्या कर शव को दफना कर चला जाए?