ससुराल में मौजूद थे सभी लेकिन आरोपी केवल एक, मतलब अनुज बाजपेई ससुराल गया और साले से कहां भाई मैं बैठा हूं मुझे मार डाल।
बिधनू पुलिस द्वारा पेश की गई कहानी हास्यास्पद।
मृतक के वृद्ध माता पिता को बिधनू पुलिस पर नहीं रहा विश्वास, पहुंचे एसपी आउटर के पास।
कानपुर :थाना बिधनू क्षेत्र पी कुंज बिहार सैनिक चौराहे के पास 22 तारीख की शाम पत्नी को मायके से विदा कराने अनुज बाजपेई की ससुराली जनों ने मिलकर की निर्मम हत्या ।हत्यारे परिवार के ही एक सदस्य रामबाबू मिश्रा ने कमिश्नर के सीयूजी नंबर पर दी बेटे के द्वारा हत्या किए जाने की दी जानकारी। घटना की सूचना पर पहुंची विधनू थाना पुलिस और एसपी आउटर सीओ। घाटमपुर हत्या की घटना की जानकारी होते ही क्षेत्रीय लोगों का लगा भारी जमावड़ा ।बिधनू थाना पुलिस ने आनन-फानन में शव को सील कर भेज दिया पोस्टमार्टम हाउस। मृतक के माता-पिता को बेटे की हत्या की जानकारी घटना स्थल के समीप रह रहे एक रिश्तेदार द्वारा मिली। मृतक अनुज बाजपेई के माता पिता और बहन और रिश्ते नाते दार पहुंचे घटनास्थल पर ,लेकिन नहीं देखने को मिली मृतक की बॉडी ।मां रो-रो कर मांगती रही अपने बेटे का शव देर रात तक बिधनू पुलिस मृतक के परिजनों को देती दिलासा नहीं देखने को मिला दुखियारी मां को उसका बेटा। दूसरे दिन पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपी गई मृतक बेटे की लाश पर घाव के निशान।देख दहल उठा माता पिता और क्षेत्रीय लोगों का दिल ।मृतक अनुज का शव रखकर परिजनों ने आरोपियों को सजा दिलाने की मांग ।मामले को बढता देख बिधनू थाना पुलिस सहित कई थानों की पुलिस एवं पीएससी कर दी गई तैनात ।मौके पर पहुंचे आला अधिकारियों द्वारा पीड़ित माता-पिता को आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने और उन्हें सजा दिलाए जाने का आश्वासन दिए जाने पर शव का किया गया अंतिम संस्कार और फिर मृतक के माता-पिता पहुंचे एसपी आउटर की चौखट पर लिखित प्रार्थना पत्र देकर आरोपियों को सजा दिलाने और न्याय के लिए लगाई गुहार। एसपी आउटर के आदेश पर बिधनू पुलिस ने आरोपी रामबाबू वीरू, दीपू, जीतू ,संध्या को लिया हिरासत में और ले गई थाने। चार दिनों से विधनू थाना पुलिस बराबर कर रही पूछताछ लेकिन परिणाम कोई नहीं
बिधनू थाना प्रभारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि सभी आरोपियों को थाने लाया गया और उनसे पूछताछ की गई लेकिन एक ही आरोपी है जिसने अपना जुर्म कबूल किया आरोपी अनुज मिश्रा पुत्र रामबाबू मिश्रा ही केवल हत्या का आरोपी है
जबकि एसपी आउटर को दिए गए प्रार्थना पत्र में मृतक के माता-पिता द्वारा बिधनू एसएचओ विनोद कुमार सिंह पर मामले को रफा-दफा करने का दबाव बनाने व समझौता न करने पर धमकी दिए जाने का गंभीर आरोप लगाया फिर भी आला अधिकारियों ने हत्या की घटना की विवेचना बिधनू प्रभारी विनोद कुमार सिंह को ही सौंप दी।
अब कौन करेगा कार्यवाही कैसे होगी कार्यवाही जब हत्यारों को बचाने वाले कोही बना दिया गया जांच अधिकारी।
मृतक अनुज की मां ने बताया की सन 2008 में बेटी की शादी रामबाबू की पुत्री संध्या से हुई और 3 महीने नहीं बीते घर में कोहराम मचाना शुरू कर दिया और मायके चली गई ।2010 में रामबाबू मिश्रा ने दहेज प्रथा का मुकदमा पंजीकृत करा कर दामाद व उसके माता पिता को प्रताड़ित करने लगे और फिर थक हार कर अनुज के माता-पिता ने रामबाबू की सारी शर्ते मान कर हाई कोर्ट में समझौता कर लिया और बहू को घर ले आए लेकिन उसने प्रताड़ित करना नहीं छोड़ा उसने पूरे परिवार को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया जिसकी वजह से प्रताड़ना से तंग आकर अनुज बाजपेई के छोटे भाई विनीत ने जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली ।
अगर मृतक अनुज बाजपेई उर्फ भानू के मृत शरीर पर देखे गए गंभीर घावों और घटनास्थल पर बरामद हत्या में उपयोग किए गए दो हथियार आम काटने वाला बांका और जमीन की खुदाई करने वाली गैंती व घटना स्थल पर बहा हुआ मृतक के शरीर का ब्लड और उखड़े हुए सर के बाल अपने आप में काफी सवाल खड़े कर रहें है।
एक दुबला पतला शरीर वाला युवक अपने से दुगने ब्यक्ति की हत्या अकेले कैसे कर सकता हैं?
दो हथियारों से एक ब्यक्ति एक साथ कैसे हमला कर हत्या कर सकता हैं?
और उसे पूरे मकान में घसीट कर उसके सर के बाल नोच सकता हैं?
आखिर क्यों विधनू पुलिस इन दरिंदों को बचाने में जुटी हैं?
सूत्रों के मुताबिक कोई सफेद पोश वाले नेता जी की मेहरबानी व अच्छी खासी मेहमानी की वजह से विधनू पुलिस आरोपियों को बचाने में अपना फर्ज अदायगी करने मे जी जान से जुटी हैं।
क्या वृद्ध बेसहारा माता पिता को न्याय मिल सकेगा?
क्या हत्या करने वाले सभी आरोपियों पर विधनू पुलिस कार्यवाही कर पीड़ित माता पिता को न्याय दिला पाएगी?
या फिर मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
( एडीटर : डॉ. आर्यप्रकाश मिश्र)