हत्या से भी जघन्य अपराध पर कानपुर पुलिस डाल रही पर्दा
नौकरी के बहाने बुला बंधक बना कर महिला के साथ रेप
बेटी को भी बंधक बनाया आंख फोड़ भीख मंगवाने की दी धमकी और मानसिक विकलांग बेटे से मंगवाई भीख
पुलिस ने ही बंधकों को छुड़ाया लेकिन आरोपियों के साथ दोस्ताना निभाया
2 महीने के पूरे प्रकरण में अभी तक ना तो एफ आई आर ना ही कोई कानूनी कार्यवाही
आखिर क्या है पुलिस की मंशा कानपुर कमिश्नरेट पुलिस जरूरत से ज्यादा बेलगाम
उत्तर प्रदेश : कानपुर नगर पुलिस का रवैया बहुत ही निराला पूरे विभाग में किसी को नही है आम जनता का खयाल लगातार बढ़ते जा रहे हैं अपराध पुलिस नही कर पा रही अपराधियों पर नियंत्रण या फिर करना ही नहीं चाहती आए दिन कोई न कोई बड़ी आपराधिक घटना सुनने में आ रही हैं लेकिन कानपुर कमिश्नरेट पुलिस अपराधियों को संरक्षण प्रदान करती नजर आ रही हैं आपको बताते चलें कि एक बेहद शर्मनाक मामला 3 अगस्त को कानपुर DCP दक्षिण के कार्यालय में आया जिसे देखकर सुनकर आप आश्चर्य में पड़ जायेंगे इससे प्रतीत होता है कि अब जनता को न्याय पाने के लिए क्या खुद ही अपना कानून बनाना पड़ेगा या फिर खुद ही आरोपियों को सजा देनें के लिए खुद ही अस्त्र उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा पुलिसिया कार्यवाही से तो अब जनता का भरोसा ही उठता जा रहा है, जब पुलिस ने लगभग 2 माह पहले कानपुर की महिला और उसके परिवार को अपराधियों के चुंगल से मुक्त कराया तो अपराधियों को गिरफ्तार क्यो नही किया पीड़िता की FIR दर्ज क्यों नहीं की दो महीनों से पीड़िता न्याय के लिए पुलिस दफ्तर और आलाधिकारियों के चक्कर काट काट कर परेशान है, लेकिन पुलिस पता नहीं कौन सा सबूत खोजने में जुटी है, या फिर उन दरिंदों को बचाने में जुटी हैं जिन्होंने नौकरी दिलाने के बहाने बंधक बना महिला के साथ लगातार रेप व उसकी बेटी से अश्लीलता और मानसिक विकलांग मासूम से रेलव स्टेशन पर भीख मंगवाने का जघनन्य अपराध करते रहे और पती के पता लगाकर पहुँचने पर उसके साथ मारपीट गाली गलौज की और पीड़ित पती द्वारा जुही की मिलिट्री कैम्प चौकी में शिकायत करने पर पुलिस ने उन तीनो मां बेटी और मासूम बच्चे को अपराधियों के चुंगल से मुक्त भी कराया अब पुलिस को कौन से सबूत चाहिए अपराधियों को गिरफ्तार करने के आखिर क्यों जुही थाना पुलिस ऐसे अपराधियों पर अपनी दया दृष्टि बनाए हुए हैं।
(एडीटर इन चीफ : सुशील निगम)