रणजीत राय एण्ड पार्टी कमाल की
ना लड़का ना लड़के की लाश और गजब की बात यह कि 30 लाख का पता नहीं
चिल्लाते रहो घरवालों कानून तो ना देख सकता है और ना सुन सकता है
कानपुर : थाना बर्रा संजीत यादव अपहरण और हत्या काण्ड पीड़ित परिवार की आत्मदाह की धमकी के बाद पूरे ड्रामे से पर्दा गिराने की कोशिश में 6 सिपाहियों समेत एसपी साउथ बर्रा एस ओ और दो दरोगा सस्पेंड वैसे कोई घाटे का सौदा नहीं है, पुलिस का हर कदम शुरू से ही संदिग्ध रहा मामले को टालने से लेकर आरोपियों की गिरफ्तारी तक पुलिस की बयान बाजी और नौटंकी पीड़ित पक्ष बहुत पहले ही समझ गया था। और लगातार मीडिया के समक्ष चिल्ला चिल्ला कर वह लोग रणजीत राय एण्ड पार्टी को संदेह के घेरे में खड़ा कर रहे थे।जिसमें एस पी साउथ भी शामिल थी लेकिन उच्च अधिकारियों के कानों में उनके करुण स्वर नहीं पढ़ सके पुलिस द्वारा किया गया खुलासा भी कई जगह पर संदिग्ध दिखाई देता है, अचानक पुलिस का ध्यान संजीत की कॉल डिटेल पर जाता है, और कॉल डिटेल से मिले उसके दोस्तों को उठा लेते हैं, तुरंत खुलासा हो जाता है, कोई भी पुलिस अधिकारी 30 लाख रुपए की बात करने के बारे में कतराता हुआ दिखाई दे रहा है,आखिर वो 30 लाख रुपए भरा हुआ बैग किसको दिया गया। किसको मिला या कौन ले गया हो सकता है, यह एक बहुत बड़ा खेल हो इसके लिए इसकी निष्पक्ष सीबीआई जांच करानी चाहिए उसकी बहन द्वारा दिए जा रहे संकेत काफी खतरनाक मालूम देते हैं,माननीय मुख्यमंत्री योगी जी को वक्त रहते समझ जाना चाहिए यदि जनता पुलिस के खिलाफ हो गई तो खाकी वर्दी के दिन बहुत बुरे आ सकते हैं,जैसा कि पहले भी हो चुका है,योगी सरकार का वाहन चेकिंग अभियान के तहत जो रूल्स एवं रेगुलेशन नए लागू किए गए हैं, जो लगभग मूर्खतापूर्ण तथ्यों से भरे पड़े थे को लेकर जनता पुलिस वालों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा रही थी ऐसा ना हो खाकी वर्दी को देखते ही जनता भड़क जाए और जो ना होना चाहिए वह हो जाए।
अपराधियों के पुलिस के साथ थे मजबूत रिश्ते इसका सबूत नीचे दी गई फोटो को देखकर आप खुद समझिए
एडीटर इन चीफ :- सुशील निगम