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8 अगस्त दिन रविवार को जुटेंगे सनातन धर्मावलम्बी
मूल भारतीयों के विरुद्ध अंग्रेजी कानून जो अंग्रेजों द्वारा बनाया गया और उसके बाद अभी तक की स्वतंत्र भारत की सरकारों द्वारा ढोया जा रहा हैं। उससे मूल भारतीयों के संरक्षण हेतु मूल भारतीयों द्वारा ही 8 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर देश के कोने कोने से देशभक्तों की भीड़ जमा हो रही है। अधिक से अधिक संख्या में इकट्ठे होकर लोग अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने का प्रयत्न करेंगे ।अब बात क्या है यह भी समझ लीजिए जैसा कि आप सभी को विदित है कि अंग्रेजों ने अपने शासनकाल में हमारी शिक्षा व्यवस्था हमारी सामाजिक व्यवस्था मे बहुत बड़े उलटफेर किए जिन से उनको फायदा था। ऐसे कानून बनाए जिससे हर हाल में उनके विरुद्ध उठने वाला सर कुचल दिया जाए और भारतीय आम जनमानस पर दमनकारी नीतियों और कानूनों के सहारे उन पर शासन किया जाए ।बहुत से ऐसे कानून अभी भी प्रचलित हैं जिनके चलते भारत के मूलनिवासी आज भी प्रताड़ित हो रहे हैं। अपने ही शासन में उन्हें अपनी ही बात रखने का अधिकार नहीं है। आज भी पुलिसिया रौब वही अंग्रेजी वह कानून का रौब है। प्रत्येक राजनेता, प्रत्येक पुलिस अधिकारी, प्रत्येक न्यायाधीश यहां तक की प्रत्येक वकील अपने आप को योग्यतम समझता है और उसी के चलते आम जनता के साथ उसका व्यवहार एक अलग परिभाषा को जन्म देता है ।राजनेता से ले कर राज कर्मचारी स्वयं को जनता का सेवक कहता जरूर है परंतु वास्तविकता बिल्कुल भिन्न है। आज भी अंग्रेजों की तरह वह जनता का मालिक ही बना बैठा है, इसीलिए आज का भारतीय लोकतंत्र मात्र भीड़ तंत्र बनकर रह गया है। जैसा कि अभी आप लोगों ने शहीन बाग में देखा होगा और किसान आंदोलन जैसी सामाजिक प्रतिक्रियाओं को अभी भी देख रहे होंगे इन्हीं चीजों को अपना हथियार बनाकर कुछ देशभक्त लोग भी सरकार से अपनी जाति और धर्म के संरक्षण एवं अपने मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए सरकार की दृष्टि में आने के लिए आगामी 8 अगस्त को देश के कोने कोने से देशभक्तों के जत्थे जंतर-मंतर पर पहुंचकर मनुष्य का एक समंदर बनाएंगे सभी मूल भारतीय देशभक्तों से यह अपील है की जिन्होंने हमें सू संगठित होने का यह अवसर प्रदान किया है हम इस अवसर को ना जाने दें अपने संगठन की शक्ति को भारतवर्ष में ही नहीं अपितु समस्त विश्व को दिखला दे।
जय हिन्द जय भारत
(एडीटर इन चीफ : सुशील निगम)