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महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर सभी शिव मंदिरों में रात से निरन्तर दर्शनार्थियों लगा रहा तांता
- महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर सभी शिव मंदिरों में रात से निरन्तर दर्शनार्थियों लगा रहा तांता
- कानपुर: 4 मार्च दिन सोमवार को गंगापुर के डी ए कालोनी स्तिथि लगभग 200 वर्ष पुराना है। पातालेश्वर महादेव शिव मन्दिर में भक्तों की भीड़ 4 मार्च की बीती रात से भक्तों की भारी भीड़ जमा होने लगी और प्रतः काल मन्दिर में पूजन अर्चन के पश्चात सभी भक्तों ने बारी बारी से भोलेनाथ के दर्शन किए। पातालेश्वर मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए वहां की कमेटी द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के साथ व्यवस्थित रूप से इंतजाम किए गए जहां पर भारी संख्या में थाना बिधनू की पुलिस मुस्तयदी से डटी रही।
- कानपुर दक्षिण क्षेत्र के यशोदा नगर 11 नंबर पुलिया में बने श्री दक्षिणेश्वर धाम मंदिर में सुबह से पूजन पाठ के बाद दर्शनार्थियों ने शिव भगवान का रुद्राभिषेक किया और शाम को सुंदर सुंदर शिव तांडव राधा कृष्ण की मनोहर झांकियां प्रस्तुत हुई जिन्हें देखकर भक्तों की भीड़ मंदिर के अंदर विशाल दिख रही थी।और अभी भक्तों को ठंडाई व प्रसाद बांटा गया।
- वही आज कानपुर देहात के मैथा मदारपुर नई गद्दी श्री बालाजी सरकार धाम में पूजन अर्चन के बाद ठंडाई व प्रशाद वितरण किया गया
- शिवरात्रि तो हर महीने में आती है, लेकिन महाशिवरात्रि सालभर में एकबार आती है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह पर्व आज 4 मार्च सोमवार को है। महाशिवरात्रि का महत्व इसलिए है क्योंकि यह शिव और शक्ति की मिलन की रात है। आध्यात्मिक रूप से इसे प्रकृति और पुरुष के मिलन की रात के रूप में बताया जाता है। शिवभक्त इस दिन व्रत रखकर अपने आराध्य का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मंदिरों में जलाभिषेक का कार्यक्रम दिन भर चलता है।
- महाशिवरात्रि की पूजा शिवपुराण के अनुसार
- शिव और शक्ति का हुआ था मिलन महाशिवरात्रि को पूरी रात शिवभक्त अपने आराध्य जागरण करते हैं। शिवभक्त इस दिन शिवजी की शादी का उत्सव मनाते हैं। मान्यता है,कि महाशिवरात्रि को शिवजी के साथ शक्ति की शादी हुई थी। इसी दिन शिवजी ने वैराग्य जीवन छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। शिव जो वैरागी थी, वह गृहस्थ बन गए।
- रिपोर्टर इन चीफ : सुशील निगम