भावभीनी श्रधंजलि स्वर कोकिला का गला हुआ शांत
स्वर कोकिला का गला हुआ शांत।
कई बार बीमार होकर ठीक हो चुकी थी। आज मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली अंतिम सांस।
लता मंगेशकर की मृत्यु से समस्त संगीत साम्राज्य स्तब्ध।
मुंबई,6 फरवरी रविवार आखिरकार थम ही गई अनगिनत दिलों पर राज करने वाली आवाज की सांसे। इधर कई बार हॉस्पिटलाइज हो चुकी थी लता मंगेशकर। 92 वर्ष की आयु में डॉक्टरों के अनुसार न्यूमोनिया हो जाने के कारण लता जी जिंदगी की जंग हार गई। हिंदी सिनेमा एवं संगीत के साम्राज्य के लिए यह एक अत्यंत दुखद खबर है। ऐसा कोई नहीं जो उन्हें पसंद ना करता हो ।यानी सारे सिनेमा जगत की चहेती रही लता मंगेशकर।
बेहद कठिन रहा लता मंगेशकर की जिंदगी का सफर। 5 साल की उम्र मे ही उनका कैरियर शुरू हो गया जो लगभग 70 साल अनवरत चला। लता जी ने लगभग 25000 गीतों को अपनी आवाज दी। नेशनल अवॉर्ड विनर और भारत रत्न से सम्मानित किया गया था लता मंगेशकर को। 8 जनवरी को कोरोना होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तभी से लगातार वह सांसो के लिए संघर्ष कर रही थी। अंततः आज उन्होंने अंतिम सांस ली ।हिंदी सिनेमा जगत में अभूतपूर्व योगदान देने वाली सबकी चहेती लता दीदी सदा अपने आवाज के रूप में हम सबके बीच अवश्य रहेंगी।उनके गाए गीत के बोल “नाम गुम जाएगा………..मेरी आवाज ही पहचान है” लगभग सत्य प्रतीत हो रही है।
लता मंगेशकर पंच तत्वों में विलीन, छोटे भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर ने दी मुखाग्नि
मुंबई के शिवाजी पार्क में लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर की पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि कर दी गई।
( एडीटर इन चीफ : सुशील निगम )