बेटियों को लेकर शासन और प्रशासन नजर आ रहा कमजोर
उत्तर प्रदेश सजेती थाना क्षेत्र में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना
ट्रक से कुचलकर हुई पिता की मौत संजोग या साजिश
मुख्य आरोपी गोलू यादव एक सब इंस्पेक्टर का बेटा गिरफ्तार
Times7news-कानपुर : थाना सजेती 9 मार्च खेत से लौट रही किशोरी जो कि 13 वर्ष की नाबालिक को गांव के दो लोगों ने अगवा कर लिया !और सुनसान जगह पर ले जाकर बारी बारी से उत्तर प्रदेश सरकार का नाम खराब किया! गजब की बात है, दीपू यादव एक दरोगा का बेटा है, और उसका दोस्त गोलू यादव एक सब इंस्पेक्टर का बेटा है, न्याय व्यवस्था की हनक इतनी जोरदार है, इस घटना से साफ-साफ प्रकट होता है, रेप के बाद जब पीड़िता गंभीर हालत में घर पहुंची और परिजनों को आपबीती सुनाई लड़की के पिता की शिकायत पर सजेती थाने में मामला दर्ज हुआ।
आज जब बिटिया का मेडिकल कराने घाटमपुर सीएचसी पहुंचे पिता को ट्रक ने रौंद दिया तब प्रशासन के कान खड़े हुए और सारे आला अधिकारी सजेती पहुंच गए 5 लाख का मुआवजा भी दे डाला और 5 बीघा जमीन की भी बात चल रही है, यह मुआवजा है, या लालच या कीमत यह तो भगवान यह सरकार ही जाने यह कोई इत्तफाक नहीं है, की बेटी के साथ दुष्कर्म हुआ हो और पिता के साथ दुर्घटना दोनों एक ही जंजीर की दो कड़ियां साफ नजर आ रही हैं हालांकि आईजी मोहित अग्रवाल और डीएम कानपुर ने दूसरी घटना यानी पिता की ट्रक से कुचलकर मौत होना की भी जांच के आदेश दे दिए हैं, पांच अलग-अलग पुलिस की टीमें बनाकर बाकी के आरोपियों को भी गिरफ्तार करने में युद्ध स्तर पर पुलिस लगी हुई है, आशा है, कि जल्द ही पुलिस को सफलता भी मिल जाएगी लेकिन यदि ऐसा ही रहा तो शायद बच्चियों को फिर से एक बार गर्भ में ही मार दिया जाएगा बच्चियों को संसार में लाने वाले माता-पिता ही उनके दुश्मन बन जाएंगे प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को बहुत गंभीरता के साथ बेटियों के साथ होने वाले अपराधों पर समुचित और सख्त कानून बनाने के बारे में सोचने की आवश्यकता है, एक बिंदु और है, जिस पर बहुत गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है, अमूमन ऐसे अपराधियों की ओर से मिलने वाली धमकियों को लेकर पुलिस अत्यंत लापरवाह देखी जाती हैं, किसी केस में आरोपियों की ओर से मिलने वाली धमकियों पर पुलिस ने थोड़ा भी ध्यान दिया होता तो शायद पिता की जान बची होती और पीड़ित परिवार दोहरे सदमे में ना जी रहा होता कहीं ना कहीं शासन प्रशासन और सामाजिक लापरवाही की वजह से ऐसी घटनाएं समाज में जन्म लेती है, अत्यंत निंदनीय हैं।
(एडीटर इन चीफ : सुशील निगम)