बिकरू शूटआउटः छानबीन के लिए कानपुर पहुंचा जांच आयोग, बैठक के बाद गांव का दौरा
ब्रजेश कुमार तिवारी
रिटायर्ड जज बी.एस. चौहान के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय जांच आयोग पहले सर्किट हाउस में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की गई मीटिंग समाप्त हो जाने के बाद जांच आयोग के तीनों सदस्य बिकरू गांव का दौरा करने पहुंचे जहां गैंगस्टर विकास दुबे ने पुलिस टीम पर हमला किया था. इस हमले में सीओ समेत 8 पुलिसवाले शहीद हो गए थे.
जांच आयोग ने कानपुर पहुंच कर शुरू की छानबीन
बिकरू गांव जाने से पहले अधिकारियों संग की बैठक
कानपुर के बिकरू शूटआउट मामले की जांच के लिए गठित जांच आयोग की टीम कानपुर पहुंच गई है. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज बी.एस. चौहान के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच आयोग मंगलवार को कानपुर के सर्किट हाउस में पहुंचा. इस जांच आयोग में रिटायर्ड जज बी.एस. चौहान के अलावा हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस शशिकांत अग्रवाल और यूपी के पूर्व डीजीपी के.एल. गुप्ता शामिल हैं.
जानकारी के अनुसार रिटायर्ड जज बी.एस. चौहान के नेतृत्व वाला तीन सदस्यीय जांच आयोग पहले सर्किट हाउस में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करके . मीटिंग समाप्त हो जाने के बाद जांच आयोग के तीनों सदस्य बिकरू गांव का दौरा करने पहुंचे . जहां गैंगस्टर विकास दुबे ने पुलिस टीम पर हमला किया था. इस हमले में सीओ मिश्रा समेत 8 पुलिसवाले शहीद हो गए थे.
आपको बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर किए जाने के बाद 22 जुलाई को एक जांच आयोग गठित करने का आदेश दिया था. जांच आयोग का अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बलबीर सिंह चौहान को बनाया गया. जबकि इसका दूसरा सदस्य उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक के.एल. गुप्ता को नामित किया गया.
बाद में हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस शशिकांत अग्रवाल को भी इस आयोग का सदस्य बनाया गया. सुप्रीम कोर्ट ने इस तीन सदस्यीय जांच आयोग को हर पहलू से इस मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं. यह आयोग विकास दुबे के पुलिसकर्मियों के साथ कथित रिश्ते की भी जांच करेगा. आयोग कुछ उपाय भी सुझाएगा जिसका पालन कर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
कौन हैं जस्टिस बलबीर सिंह चौहान
जस्टिस बी.एस. चौहान यानी न्यायमूर्ति डॉ. बलबीर सिंह चौहान भारतीय विधि आयोग के 21वें अध्यक्ष रहे हैं. उनकी आयु वर्तमान में आयु 71 वर्ष है. केंद्र सरकार ने 10 मार्च, 2016 को उन्हें भारतीय विधि आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया था. इससे पहले जस्टिस चौहान कावेरी नदी जल विवाद न्यायाधिकरण के अध्यक्ष थे. सुप्रीम कोर्ट में उनका कार्यकाल करीब पांच वर्ष का रहा.
वे मई 2009 से जुलाई 2014 तक देश की सबसे बड़ी अदालत यानी उच्चतम न्यायालय में जज रह चुके हैं. इससे पहले जस्टिस बी.एस. चौहान 16 जुलाई 2008 से 10 मई 2009 तक उड़ीसा उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रह चुके हैं. उनका गृह क्षेत्र पश्चिम उत्तर प्रदेश है. उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की थी.
कौन हैं पूर्व आईपीएस के.एल. गुप्ता
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक के.एल. गुप्ता की गिनती तेजतर्रार पुलिस अफसरों में होती थी. वे यूपी कैडर के अच्छे आईपीएस अफसरों में गिने जाते थे. वह प्रतिनियुक्ति पर अर्धसैनिक बल बीएसएफ में पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के पद पर भी रहे. यूपी में वे कई जिलों और मंडलों में पुलिस विभाग के उच्च पदों पर रहे. उन्होंने एसपी के पद से लेकर प्रदेश के पुलिस मुखिया के पद पर भी सेवाएं दीं. पूर्व आईपीएस के.एल. गुप्ता 2 अप्रैल 1998 से 23 दिसंबर 1999 तक उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक पद पर रहे थे. आज भी उन्हें उनके काम के लिए याद किया जाता है. वे उत्तर प्रदेश के ही रहने वाले हैं. वर्तमान में वह अपने परिवार के साथ लखनऊ में रहते हैं