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बाल पुष्टाहार एवं महिला पोषाहार पर दो दिवसीय प्रशिक्षण में 60 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने किया प्रतिभाग


बाल पुष्टाहार एवं महिला पोषाहार पर दो दिवसीय प्रशिक्षण में 60 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने किया प्रतिभाग


कानपुर: चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर द्वारा कुलपति चंद्र शेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त दिशा निर्देशों के अनुसार दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बाल पुष्टाहार एवम महिला पोषाहार विषय पर 29 एवं 30 जुलाई 2021 ब्लॉक कार्यालय मैथा में सम्पन्न कराया जा रहा। कार्यक्रम के पहले दिन  मैथा ब्लॉक के विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रों से 60 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने प्रतिभाग किया । कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र कानपुर देहात के अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार  ने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों से वार्ता करते हुए कहा कि माँ जो कि अन्नपूर्णा है परिवार की उसको पोषण विज्ञान की जानकारी अति आवश्यक है जिससे कि परिवार सम्पूर्ण पोषण युक्त भोजन मिले और हम सुपोषित समाज का निर्माण करने में सक्षम हो। डॉ अशोक ने कार्यकत्रियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का योगदान अतुलनीय है और अगर वे ठान ले तो गांव से कुपोषण को काफी हद्द तक मिटाया जा सकता है।  कार्यक्रम में लालमणि वर्मा इंजीनियर व शिक्षक इटावा इंजीनियरिंग महाविद्यालय ने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को सौर ऊर्जा का प्रयोग करने की जानकारी देते हुए बताया कि यह भोजन बनाने की सबसे सुरक्षित विधि है इससे भोजन पकाने में होने वाले पोषक तत्त्वों का क्षरण नही होता। श्री वर्मा ने कहा की बायोगैस भी एक ऐसी विधा है जिससे कि खेतो के लिए उर्वरक के साथ ही भोजन बनाने के लिए ऊर्जा भी मिलती है। जिससे भूमि पोषण युक्त होगी जिससे अनाज पोषण युक्त हॉग और समाज पोषण युक्त होगा। इस अवसर पर वरिष्ठ ग्रह वैज्ञानिक डॉक्टर मिथिलेश वर्मा ने बच्चों के नैतिक शिक्षा एवं विकास पर जोर दिया ।कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए गृह वैज्ञानिक डॉ. निमिषा अवस्थी ने बताया कि भोजन में प्रोटीन,विटामिन,वसा,शर्करा, मिनरल्स व पानी कुल 6 पोषक तत्त्वों होते हैं। और प्रत्येक व्यक्ति को उसकी उम्र,लिंग,कार्य के अनुसार पोषक तत्त्वों की आवश्यकता होती है। और ऐसा भोजन जिसमें शरीर की आवष्यकतानुसार पोशक्ततत्वो का समावेश हो उसे संतुलित भोजन या संतुलित थाली कहते हैं। अतः आप गांव स्तर पर महिलाओं को प्रशिक्षित करें उन्हें संतुलित थाली परोसने को प्रेरित करें। डॉ अवस्थी ने कहा कि बच्चों की उचित वृद्धि हेतु उन्हें सामान्य व्यक्ति से अधिक पोषक तत्त्वों कि आवश्यकता होती है अतः उन्हें मशरूम, बाजरा, मक्का, सहजन, दूध पनीर व दूध युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन जरूर करवाएं। साथ ही गर्भवती महिलाओं व किशोरियों के एनीमिया उन्मूलन हेतु भी समुचित प्रयास आपके द्वारा किया जाना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में सी.डी. पी. ओ. मैथा सुमनलता ने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को गांव में अपना हस्तक्षेप बढ़ाने के लिए आश्वस्त करते हुए । कहा कि आपका रोल कुपोषण से लड़ाई में अद्वितीय है अतः वे गंभीर होकर कार्य करने के लिए निर्देशित किया। कार्यक्रम का संचालन निमिषा अवस्थी ने किया व धन्यवाद ज्ञापन केंद्र के अध्य्क्ष डॉ अशोक कुमार ने किया।

(सब एडीटर : प्रमोद कुमार चौरसिया)

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Shushil Nigam

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