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* बंद कराने आये थे तबायफो के कोठे . सिक्को की खनक देखकर खुद ही नाच बैठे”।*
Online से offline समायोजन पर…
*दो दर्जन बीएसए ने फेरा सरकार की मंशा पर पानी*
सरकार की भ्रष्टाचारमुक्त ऑनलाइन समायोजन प्रक्रिया पर तकरीबन दो दर्जन बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने पानी फेर दिया। इन अफसरों ने ऑनलाइन समायोजन के लिए आवश्यक शिक्षकों का सैलरी डाटा अपलोड नहीं किया या त्रुटिपूर्ण सूचनाएं भेज दी जिसके कारण हारकर सरकार को ऑफलाइन समायोजन के राजी होना पड़ा। बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारी जिलों से शिक्षकों का सैलरी डाटा मांगते रह गए लेकिन बीएसए की मनमानी के आगे किसी की एक न चली। सूचना के अभाव में टल रही समायोजन व तबादले की प्रक्रिया को पटरी पर लाने के लिए मंगलवार को ऑफलाइन समायोजन का आदेश जारी करना पड़ा। जिससे बेसिक शिक्षा अधिकारियों को मनमानी की छूट मिल गई है।
जिन जिलों ने शिक्षकों का सैलरी डाटा नहीं दिया उनमें लखनऊ, हरदोई, रायबरेली, गोरखपुर, मेरठ, बुलंदशहर, उन्नाव, हाथरस, भदोही, देवरिया, बस्ती, संत कबीरनगर, जालौन, बांदा, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, आजमगढ़, बलिया, शामली, बाराबंकी और संभल का नाम शामिल है। इनमें से कई बीएसए की कार्यप्रणाली विवादों में रही है।
*इलाहाबाद में 1446 शिक्षकों का समायोजन*
जिले के परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में 1446 सरप्लस शिक्षकों का समायोजन होगा। प्राथमिक में 1324 और उच्च प्राथमिक स्कूलों में 122 शिक्षकों को सरप्लस चिह्नित किया गया है। समायोजन के लिए 18 जुलाई तक का समय दिया गया है। हालांकि इतने कम समय में काम पूरा होना मुश्किल लग रहा है।
*परिषदीय शिक्षकों का जिले में समायोजन 18 तक*
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षकों का समायोजन 18 जुलाई तक होगा। बेसिक शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही के कारण समायोजन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया में हो रही देरी के कारण सरकार ने ऑफलाइन समायोजन के निर्देश दिए हैं। सचिव संजय सिन्हा ने मंगलवार को सभी बीएसए को पत्र जारी कर 30 अप्रैल को जनपद में निर्धारित पद के अनुरूप समायोजन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति समायोजन की प्रक्रिया पूरी करेगी। समायोजन में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि कोई भी स्कूल एकल या बंद न होने पाए। समायोजन पूरा होने के बाद जिले के अंदर खाली पदों पर ट्रांसफर की कार्रवाई होगी। सबसे अंत में अंतर-जनपदीय तबादला किया जाएगा।
*भ्रष्टाचारमुक्त समायोजन की राह में रोड़ा बने बीएसए*
इलाहाबाद। भाजपा सरकार की भ्रष्टाचारमुक्त समायोजन की प्लानिंग की राह में बीएसए रोड़ा बन गए। पहले ऑनलाइन समायोजन की तैयारी थी। इसके लिए सभी बीएसए से शिक्षकों का सैलरी डाटा अपलोड करने को कहा गया था। लेकिन कई बीएसए ने सैलरी डाटा अपलोड नहीं किया। कई के डाटा में तमाम त्रुटियां थी। इसके कारण समायोजन की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही थी। सूत्रों के अनुसार तमाम बीएसए ऑनलाइन समायोजन नहीं होने देना चाहते थे क्योंकि तब वे अपनी मनमानी नहीं कर पाते। यही कारण था कि सैलरी डाटा देने में रुचि नहीं ले रहे थे। अब जबकि ऑफलाइन प्रक्रिया को मंजूरी मिल गई है तो बीएसए मनमानी कर सकेंगे।