खबर

पद की गरिमा को ताक पर रख काम कर रहे भ्रस्टाचार में लिप्त अधिकारी

पद की गरिमा को ताक पर रख काम कर रहे भ्रस्टाचार में लिप्त अधिकारी
निडर होकर अभद्र और धमकी भरे अँदाज मे करते बात

कानपुर/ एक ओर सरकारें खेल को बढ़ावा देने व पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सदैव प्रयासरत हैं वहीं दूसरी ओर उन्ही की नाक के नीचे उच्च पदों पर अधीनस्थ अधिकारी पत्रकारों को मारने की धमकी और ठीक कराने की धमकी देने के साथ साथ भद्दी गालियां और विभागीय दबदबे को भी बताने से भी नहीं चूकते और बात यहीं तक खत्म नहीं होती है खेल से जुड़े खिलाड़ियों को भी उनके भविष्य से संबंधित उपलब्धियों से भी वंचित करने से गुरेज नहीं करते और ऐसा ये इसलिए करते हैं क्योंकि नए खेलों से इनकी जेबे नहीं भरेंगी।

ये है घटना

हालांकि कई बार विभाग में खेल के बाबत गये जब लेकिन इत्तेफाकन मुलाकात घटना की शुरुवात 23 जनवरी लगभग 1 बजे से हुई। ग्रेपलिंग एसोसिएशन ऑफ कानपुर के सचिव सुनील चतुर्वेदी ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में आये चार खेलों में खेल ग्रेप्पलिंग के खिलाड़ियों को ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में प्रतिभाग कराने हेतु स्पोर्ट्स डायरेक्टर आफ यूनिवर्सिटी राजेश प्रताप सिंह से मुलाकात करने उनके विभाग पहुंचे। पहले तो राजेश प्रताप सिंह ने खेल का नाम सुनते ही अनसुना करने लगे फिर उनसे पैसे के बिना ये कर पाना सम्भव नही ऐसा बोला। अंततः खिलाड़ियों के प्रतिभागिता बाबत यूनिवरसिटी के कुलपति महोदया से स्पर्ट्स डायरेक्टर तक टरकाने का खेल लगातार दो दिनों तक चला आखिर में डायरेक्टर राजेश प्रताप सिंह ने सीधे तौर पर कह दिया की मुझे तुम्हारे खेल को भेजने का कोई मन नहीं है और मैं इस खेल को नहीं जानता हूं ग्रेप्पलिंग खेल की उपलब्धियां बताने पर और विभिन्न समाचार पत्रों में ग्रेप्पलिंग खेल से जुड़ी हुई खबरों की प्रकाशन संबंधित जानकारी व उप्लब्धियों को याद दिलाने और घूस का विरोध करने पर डायरेक्टर आफ स्पोर्ट्स यूनिवरसिटी राजेश प्रताप सिंह पेशे से शहर के समाचार पत्र में उप संपादक पर कार्यरत सुनील चतुर्वेदी पर भड़क गए और भद्दे शब्दों का प्रयोग किया। मना करने पर मारने की धमकी की दी। जिसका पूरा वीडियो वायरल है और विभागीय रौब दिखाते हुए कहा मैं पत्रकारों को पैसा देता हूँ मेरा कुछ नही बिगाड़ पाओगे मेरी पहुंच ऊपर तक है। ऐसे ही नही यूनिवर्सिटी में इतने सालों से काबिज हूँ
पूरे देश में सोशल मीडिया में विडियो के वायरल होने पर देश के कई खेल संघों और पत्रकार संगठनों ने इस घटना की निंदा की। पत्रकार व खेल प्रेमी पूर्ण रूप से सुनील चतुर्वेदी के पक्ष में उतर गए हैं वहीं दूसरी ओर राजेश प्रताप सिंह ने कई पत्रकारों के फोन आने पर उनसे अभद्रता से बात की और कुछ नही कर पाओगे की धमकी दी।

क्या है ग्रेपलिंग खेल कौन है सुनील चतुर्वेदी

ग्रेप्पलिंग खेल भारतीय सभ्यता से जुड़े प्राचीन खेल मल्लयुद्ध की विधा पर आधारित है विगत कई वर्षों से किया खेल पूरे देश में खेला जा रहा है देश व प्रदेश के साथ साथ इससे जुड़े खिलाड़ी कई पदक जीतकर प्रदेश व देश का मान पूरे विश्व में बड़ा चुके हैं जिसको देखते हुए अभी कुछ माह पूर्व ही नीलकंठ तिवारी उत्तर प्रदेश युवा कल्याण खेल मंत्री ने प्रदेश के बच्चों को उत्तर प्रदेश उत्कृष्ट खेल सेवक सम्मान से सम्मानित किया तथा प्रधानमंत्री मोदी, राज्यवर्धन राठौर केंद्रीय खेल मंत्री, मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री, शिवराज सिंह चौहान, रामदास आठवले, सुषील कुमार ओलिम्पिक मेडलिस्ट, मुकेश खन्ना व कई बड़ी बड़ी हस्तियों ने इस खेल के प्रति अपना आभार प्रकट किया और शुभकामनाएं पत्र के साथ साथ वीडियो भी प्रेषित की सोशल मीडिया पर।
अब बात करते हैं सुनील चतुर्वेदी की आर्थिक अभाव से जूझते हुए पत्रकारिता के साथ साथ हुआ रक्तदान जैसी मुहिम से जुड़ते हुए लगभग 35 बार रक्तदान किया लगभग 20 साल से खेल से जुड़े रहने के साथ ग्रेप्पलिंग खेल का ढाई वर्षों से शहर में प्रशिक्षण दे रहे हैं। खेल से जुड़े हुए कई बच्चे जिला राष्ट्र व अंतरराष्ट्रीय स्तर  प्रतियोगिता में भाग कर पदक जीत कर शहर व देश का मान बढ़ा चुके हैं। बताते चले सुनील चतुर्वेदी सचिव के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय रेफ़री व राष्ट्रीय कोच भी है। अभी जल्द ही साउथ एशियन ग्रेपलिंग चैंपियन शिप प्रतियोगिता जो भूटान में आयोजित हुई थी इन्हें भूटान नरेश के प्रतिनिधियों ने सम्मानित भी किया था।

क्या है आल इंडिया यूनिवर्सिटी के नए खेलों के नियम
जब कोई नया खेल आल इंडिया यूनिवर्सिटी में शामिल किया जाता है तो सम्बंधित विश्वविद्यालय में पत्र के माध्यम से सूचना या मेल के माध्यम से सूचना दी जाती है। तदोपरान्त विश्वविद्यालय का दायित्व बनता है कि सम्बंधित खेल के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन व प्रतिभागिता हेतु विज्ञापन देना चाहिए 2018 में ही यह खेल आल इंडिया यूनिवर्सिटी में आ गया था। लेकिन विश्वविद्यालय की लापरवाही के चलते व पैसे के लोभी लोग नए खिलाड़ियों को मौका ही नही देना चाहते।

सबसे बड़े प्रश्न

क्या यूनिवर्सिटी के दबंग डायरेक्टर राजेश प्रताप सिंह पर उच्च स्तर की कार्यवाही के साथ निलंबित किया जाएगा
क्या दबंग का खेल अपने पद के विपरीत इसी तरह से जारी रहेगा

इससे पहले भी कई पत्रकारों व खिलाड़ियों को कर चुका है अपमानित

घूस खोरी का व अपमानित किये गए पत्रकार व खेलसचिव को इंसाफ दिलाकर क्या मुख्यमंत्री अपनी जानी मानी छवि को प्रस्तुत कर पाएंगे
नए खिलाड़ियों आगे बढ़ाने के बदले ऐसे ही अपना पेट भरने वाले स्पोर्ट्स डायरेक्टर पर लगेगी लगाम

रिपोर्टर इन चीफ:- सुशील निगम

50% LikesVS
50% Dislikes

Shushil Nigam

Times 7 News is the emerging news channel of Uttar Pradesh, which is providing continuous service from last 7 years. UP's fast Growing Online Web News Portal. Available on YouTube & Facebook.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button