अपराध
नौबस्ता चौराहे में डग्गेमारी वाले वाहनों का भारी आतंक हो रही लाखों की वसूली अवैध स्टैण्ड बना भीषण जाम व एक्सीडेंट का कारण
नौबस्ता चौराहे में डग्गेमारी वाले वाहनों का भारी आतंक हो रही लाखों की वसूली, अवैध स्टैण्ड बना भीषण जाम व एक्सीडेंट का कारण
ए सी / कूलर का मजा ले रहे पुलिस अधिकारी
जाम के झाम से परेशान जनता बेचारी
कानपुर:- मामला दक्षिण क्षेत्र नौबस्ता थाना व बर्रा थाना क्षेत्र में चल रहे अवैध वाहन स्टैंड का है। सूत्रों की माने तो यहां पर एक युवक खुद को सत्ता पक्ष के नेता का रिश्तेदार बता कर, पुलिस के संरक्षण में टैम्पो चालकों को देता हैं धमकी तथा खुलेआम वसूली करता है,और स्थानीय पुलिस चुपचाप खड़ी तमाशा देखती रहती है। नौबस्ता चौराहे पर ओमनी वैन का अवैध स्टैण्ड हैं, जो नौबस्ता से घाटमपुर तक सवारियां ढोते हैं,वाहन चालको का आरोप है,की टैक्सी परमिट होने के बाद भी ,यहां के दबंग युवक अवैध वसूली करते है, वसूली न देने पर मारपीट व गाड़ियों की चाबियाँ छीन लेते है,और जबरन पुलिस की मिली भगत से करते है,परेशान, सैकड़ों की तादाद में बिना टैक्सी परमिट के भी ओमनी वैन सवारियाँ भरते नजर आ जायेगी, नौबस्ता व बर्रा चौराहे पर लाइन लगा कर खड़ी होती हैं,काफी संख्या में गाड़ियाँ,, पैदल चलने वालो को निकलने में होती हैं बहुत परेशानी, और हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती हैं रहती हैं। बताते चलें कि कानपुर नगर के नौबस्ता थाना क्षेत्र में नौबस्ता मेन चौराहे से सवारियाँ मैजिक ठेका व गाड़ी में बैठकर कानपुर नगर से कानपुर देहात के अकबरपुर,सिकंदरा, और भोगनीपुर की तरफ जाती हैं। ये अवैध मैजिक गाड़ी का स्टैण्ड कानपुर के नौबस्ता व बर्रा इलाके में विगत कई वर्षों से चल रहा है। फिलहाल इस स्टैन्ड पर उक्त दबंग लोगों का कब्जा किया हुआ है। विरोध करने पर उपरोक्त दबंग चालकों से गाली-गलौज और मारपीट करते है,और खुद पर सत्ता में बैठे बड़े राजनेताओं का हाथ बताकर चालकों पर रुआब झाड़ते है। और कहते है, कि नौबस्ता व बर्रा चौराहे पर यदि सवारी उतारनी है,तो मेरा टैक्स पड़ेंगे, नहीं तो गाड़ियां नहीं लगाने देगे उससे बड़ी बात ये है,कि स्थानीय थाना नौबस्ता की व बर्रा पुलिस इस गोरखधंधे को सपोर्ट करने में इस हद तक डूबी है,की कथित नेता के कहने पर पुलिस मैजिक वालों पर मनचाही कार्रवाई करती है । अवैध वसूली के दम पर चलती है धड़ल्ले से ये गाडीयां आपको बता दे कि ये जो मैजिक ठेका गाड़ीयां है,वो प्रतिदिन सुबह 6 बजे से रात्री 10 बजे तक संचालित रहती है। मगर इस मैजिक ठेका गाड़ियों को सवारियाँ बैठाने से पहले प्रतिदिन 150 रुपये देने पड़ते हैं, इसके इलावा हर माह की वसूली 1000 रुपये सुविधा शुल्क के नाम पर देना पड़ता है। एक दिन में एक मैजिक ठेका गाडी को अधिकतम 3 से 4 चक्कर लगाने ही दिया जाता है। आपको बता दे कि ये गाड़िया सवारियां भी ठूंस ठूंस कर भरते हैं। जबकि परिवहन विभाग के द्वारा मैजिक में बैठने के लिए मात्र 7-8 सवारी ही पास होती है.मगर अक्सर आपने देखा होगा कि ये मैजिक गाडी वाले अपनी मैजिक में 14-16 लोग बैठाते हैं। जिससे उनकी जान माल का भी खतरा होता है। इन सवारियों को बैठाने में भी सभी ड्राइवर और कंडेक्टर में होड़ लगी रहती है। जिसकी वजह से सवारियों को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है। महिलाओं का हाथ पकड़ कर घसीटते हुए कई बार ये लोग बदतमीजी करते दिखाई दे जाते हैं, इस पर अगर कोई सवारी विरोध करती है,तो उसके साथ सब मिलकर हाथापाई पर उतारू हो जाते हैं। सरकार को लगाया जा रहा है।प्रति माह लाखों का चूना सूत्रों की माने तो ये नौबस्ता व बर्रा मैजिक अवैध ठेके स्टैण्ड है। इस स्टैण्ड का कानपुर नगर निगम से कोई भी लेटर नहीं जारी किया गया है,और इस स्टैण्ड की वसूली भी नगर निगम नहीं भेजी जाती है। तो फिर सोचने वाली बात यह है,कि जो प्रतिदिन 150 रुपये और 1000 हर मैजिक गाड़ी वाले से वसूले जाते हैं वो आखिर जाते कहाँ है? सूत्रों के कथना अनुसार लगभग प्रतिदिन 120-150 गाड़ियों से वसूली की जाती है। इसका मतलब है,कि मासिक दो लाख से ढाई लाख रुपया की वसूली होती है। आखिर क्यो मौन धारण कर बैठे हैं।ट्रैफिक विभाग व पुलिस प्रसाशन RTO साहब भी देख कर कर देते है,अनदेखा इस तरह की गाड़ियों के चैकिंग का अभियान कई बार चलाया जाता है। मगर कुछ से रुपया लेकर छोड़ दिया जाता है।और कुछ 1-2 गाड़ियों का चालान भी कर के खानापूर्ति कर दी जाती है। फिर क्या? एक बार फिर से ये मौत की सवारी ठेकागाडी तैयार हो जाती है।अपने काम के लिए। बताते चलें की विगत कुछ समय पूर्व रही डीआईजी/एसएसपी सोनिया सिंह ने अवैध रूप से चल रहे इस वाहन स्टैंड को पूरी तरह से बंद करा दिया था लेकिन डीआईजी/एसएसपी सोनिया सिंह के शहर से ट्रांसफर होते ही इस अवैध वाहन स्टैंड का दोबारा संचालन हो रहा है। स्टैन्ड को कथित रूप से पुलिस का संरक्षण प्राप्त होने के कारण शिकायत करने के बावजूद यहां के दबंगों पर कभी कोई कार्यवाही नहीं होती। जिससे इनके हौसले बुलन्द हैं।
रिपोर्टर इन चीफ :- सुशील निगम