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नौबस्ता क्षेत्र हंसपुरम में चल रहे ठगी के कारोबार का कमिश्नरेट पुलिस ने किया भंडाफोड़

नौबस्ता क्षेत्र हंसपुरम में चल रहे ठगी के कारोबार का कमिश्नरेट पुलिस ने किया भंडाफोड़


BSC के क्षात्र होम व पर्सनल लोन दिलाने के नाम पर कॉल सेंटर बनाकर कर रहे थे अमेरिकियो से ठगी का कारोबार


U-लैपटॉप में 2 लाख अमेरिकियों का मिला डाटा  दो शातिर ठग गिरफ्तार  


कानपुर। हंसपुरम नौबस्ता इलाके में क्राइम ब्रांच की टीम ने छापेमारी करके एक पखवारे भीतर शहर से दूसरे ठगी के कॉल सेंटर का खुलासा किया है। कॉल सेंटर से विदेशी नागरिकों को होम लोन और पर्सनल लोन का झांसा देकर ठगी की जा रही थी। यह कॉल सेंटर इंटर और बीएससी के छात्र संचालित कर रहे थे। पूछताछ में सामने आया है कि इसी तरह के एक दर्जन से ज्यादा ठगी के कॉल सेंटर पूरे शहर में चल रहे हैं।

क्राइमब्रांच ने गुरुवार देर रात करीब पौने तीन बजे नौबस्ता हंसपुरम के एक मकान में छापेमारी करके ठगी के अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर को पकड़ा। मकान के ग्राउंड फ्लोर में यह चलाया जा रहा था। मौके से पकड़े गये दो अभियुक्तों की पहचान नौबस्ता हंसपुरम निवासी रवि शुक्ला और आवास विकास हंसपुरम नौबस्ता निवासी विशाल सिंह सेंगर के रूप में हुई है

शातिर ठग मामा के मकान से कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे सरगना जांच में सामने आया कि रवि अपने मामा के मकान में यह कॉल सेंटर संचालित कर रहा था। पूछताछ में रवि ने बताया कि वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल (वीओआइपी) से कॉल करके अमेरिकी नागरिकों को कम ब्याज पर होम लोन और पर्सनल लोन का झांसा देकर फंसाते थे। अब तक सैकड़ों अमेरिकी नागरिकों से करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके हैं।क्राइम ब्रांच को जांच के दौरान 70 से 80 लाख रुपए ठगी के साक्ष्य मिले हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि दिल्ली में बैठा ठगी का मास्टर माइंड कॉल सेंटर खुलवाकर शहर में जाल फैला रखा है। मास्टर माइंड की गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच की टीम दिल्ली रवाना हो गई।

लोन स्कीम की हर स्टेप में था ठगी का जाल अंग्रेजी में बात करने में माहिर अभियुक्तों को चेजर कहा जाता है। यह चेजर लोगों से अमेरिकन लैंग्वेज में बात करते थे। जो इनके झांसे में आ गया उससे लोन प्रोसेसिंग फीस के नाम पर सबसे पहले 300 से 500 डालर, फिर क्लोजिंग कास्ट के नाम पर लोन राशि का दो प्रतिशत, एडवांस रीपेमेंट के नाम पर 800 से 9000 डालर, लोन के इंश्योरेंस के नाम पर फीस लेते थे। कई लोग जो सही रिस्पांस न देने पर काल करके लोन कैंसिल करवाते थे उनसे कैंसिलेशन के नाम पर फीस लेते थे। इसी तरह हर स्टेप पर ठगी करते थे।

बिट क्वाइन, क्रिप्टो करेंसी और गिफ्ट कार्ड के रूप में पेमेंट

पेमेंट के लिए ठगी गैंग क्रिप्टोकरेंसी के कई एप का इस्तेमाल करके बिटक्वाइन के जरिये पैसे लेता था। इसके लिए क्रिप्टोकरेंसी के एप जिनमें क्वाइन स्विच एप, वजीर एक्स एप का इस्तेमाल हो रहा था। कई पेमेंट गिफ्ट कार्ड के रूप में भी लिए जाते थे। कुछ पेमेंट एकाउंट से वाया ट्रांसफर से भी लिया जाता था। नोएडा में बैठा एक और व्यक्ति इन सारे एप से आया पैसा इनके खाते में इन कैश करता था। जब अमेरिकन लोगों को अपने साथ हुए फ्राड की जानकारी मिलती तो वह पलट कर फोन करते थे, लेकिन तब उनका नंबर अभियुक्तों द्वारा ब्लाक किया जा चुका होता था।

ठगी के लिए वीओआईपी कॉल का इस्तेमाल अमेरिकी नागरिकों को काल करने के लिए वीओआइपी (वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल) का प्रयोग किया जाता था। इसके लिए टेक्स्ट नाऊ सोनोटेल का प्रयोग किया जाता था। साथ ही साफ्ट फोन डायलर का भी प्रयोग करते थे इसके दो एप थे जिसका इस्तेमाल किया करते थे पहला था एक्सटेन और दूसरा एक्सलाइफ एप था। इसके माध्यम से फोन करके बात की जाती थी।

इससे पहले काकादेव में पकड़े गए कॉल सेंटर की जांच पड़ताल में ही इस कॉल सेंटर का खुलासा हुआ है। जांच के दौरान इसकी जानकारी मिलते ही क्राइम ब्रांच ने छापेमारी करके ठगी का कॉल सेंटर चलाने वाले युवकों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गये अभियुक्तों के पास से 5 हार्ड डिस्क, 1 लैपटाप, 2 मोबाइल बरामद हुए। लैपटाप में 2.50 लाख विदेशी लोगों का डाटा मिला है। साथ ही कई अमेरिकी लोन देने वाली कंपनियों के फार्म फारमेट भी सेव मिले हैं।

(एडीटर इन चीफ : सुशील निगम)

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Shushil Nigam

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