दिव्यांगों की दिव्यांगता पर भी नहीं पसीजा भ्रष्टाचारियों का हृदय, दिखाई देता है तो सिर्फ रुपया
दिव्यांगों की दिव्यांगता पर भी नहीं पसीजा भ्रष्टाचारियों का हृदय, दिखाई देता है तो सिर्फ रुपया।
एसडीएम सदर की चौखट पर जांच में घपले को लेकर दिव्यांगों का हल्ला बोल।
मामला दिव्यांग हेतु सरकार द्वारा गृह आवंटन का।
कानपुर : सदर तहसील ऐसा प्रतीत होता है जैसे ही सरकार द्वारा जनता के हित में किसी योजना परियोजना की घोषणा की जाती है ,तो वह ऊपर से लेकर नीचे तक सरकारी कर्मचारियों के लिए उत्सव बनकर वरदान साबित होती है। सबके चेहरों पर होली और दिवाली जैसी खुशी नजर आने लगती है ,जैसे घर के आंगन में कोई सोने की अशरफियो से भरा हुआ कोई मटका मिल गया हो,सत्यता भी है। अब सरकार की ओर से परियोजना आई है तो आवेदन भी आएंगे। सवा सौ करोड़ में से सरकार का लक्ष्य सीमित ही होगा। अब यहीं से खेल चालू होता है,वही बात “एक अनार सौ बीमार “अब भाई अनार तो उसी बीमार को मिलेगा ना जो सोने का अंडा देता हो ।बस इतनी सी बात को लेकर दिव्यांग आज प्रदीप कुमार की अगुवाई में एसडीएम सदर के दरवाजे पर हो हल्ला मचाने लगे ।अब क्या करें बेचारे सरकार की ओर से जो उन्हें गृह आमंत्रित हुआ उसकी जांच तो है डीएम साहब के अंडर में अब जांच तो ऐसे नहीं हो जाएगी ।अगर हो भी गई अगर यह डीएम साहब ने लिख दिया कि दिव्यांग नहीं तो फिर कितने भी दिव्यांगों दिव्यांग नहीं कैसे सिद्ध करेंगे कि आप दिव्यांग हैं अब भाई इस बात का कुछ तो—– हालांकि दिव्यांगों का आरोप है कि जांच के नाम पर चार हजार वसूलने की बात सामने आई थी कुछ लोगों ने दिए भी थे। लेकिन अधिकांश लोगों की जांच बिना फंदे के लटकी हुई है इसीलिए सारा हो हल्ला मचा हुआ है ।अब देखना यह है कि इस हमले की आवाज कहां तक जाएगी और बेचारे दिव्यांगों के साथ सरकारी मशीनरी मेल करेगी या खेल करेगी?
( एडीटर इन चीफ : सुशील निगम )