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दशकों बाद भारत चीन सीमा पर टूटी खामोशी
दशकों बाद भारत चीन सीमा पर टूटी खामोशी
उद्दंड चीन ने भारतीय खेमे को उकसाया
भारत- गलवान घाटी 15-16 जून की बीती रात गश्त कर रही भारतीय टुकड़ी पर अचानक से चीनी सैनिकों का हमला हुआ।और यह हमला पारंपरिक सैन्य हथियारों से ना होकर कटीले तार से सुसज्जित लाठी-डंडों से हुआ घात लगाकर चीनी सैनिकों ने बेरहमी से सिर्फ और सिर्फ भारतीय सेना को उकसाने के लिए चीन ने भारत सीमा पर अतिक्रमण करने की पूरी कोशिश की लगभग किया भी उसी के चलते आपस में झड़प हुई और देखते-देखते वो झड़प खूनी संघर्ष में तब्दील हो गई यह एक बहुत बड़ी विडंबना है।कि हम दशकों से LOC पर अपने जाबांजो का बहता रक्त बंद करवाने में नाकाम रहे।हमारे पड़ोसी देश ही हमारी संप्रभुता और अखंडता पर कुठाराघात किए जा रहे हैं,अभी तक हम भारत पाकिस्तान सीमा से परेशान रहे अब चीन ने भी अपना निकृष्टतम खेल खेलना शुरू कर दिया है।इस घटना में जो अधिकारिक रूप से पुष्टि हुई है,उसमें लगभग 20 सैनिकों के हताहत होने की खबर है, चीन के सैनिकों के हताश होने की कोई ठोस संख्यात्मक जानकारी नहीं है, हालांकि संघर्ष बहुत ही जबरदस्त हुआ नुकसान तो दोनों तरफ हुआ लेकिन शांतिपूर्ण सीमा पर तनाव पैदा करने वाला कोई गलत इरादा ड्रैगन के माइंड में है। जिसे वह अंजाम देना चाहता है।किसी से छुपा नहीं है, कि चीन भारतीय सीमा पर अपने पैर काफी समय से गुपचुप तरीके से पसारता चला रहा है, अब समय है, कि उसको ना केवल मुंहतोड़ जवाब दिया जाए बल्कि चीन द्वारा हथियाई गई हमारी अपनी जमीन वापस लेने का भी यह सुनहरा अवसर है। हालांकि भारतीय प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने सेना को किसी भी कीमत पर मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हरी झंडी दे दी है।अब आगे यह देखना है, कि चीन वापसी की तरफ रुख करेगा या उसके मंसूबे कुछ और ही है।
एडीटर इन चीफ : सुशील निगम