थाना नौबस्ता के मछरिया राजीव विहार में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से युवक की गई जान
साधारण से पेट दर्द के लिए लगाए गए इंजेक्शन ने ले ली जानिब की जान
पत्नी शाहजहां ने नौबस्ता थाने में दी तहरीर मुकदमा हुआ पंजीकृत
कानपुर : थाना नौबस्ता मछरिया राजीव विहार जैसे क्षेत्रों में झोला छापों के क्लीनिक ही नहीं बल्कि नर्सिंग होम तक धड़ल्ले से चल रहे हैं, कारण एक बहुत बड़ा गरीब तबका ऐसे क्षेत्रों में निवास करता है, जिसकी ठेकेदारी इन्ही झोलाछाप डॉक्टरों के कंधों पर टिकी हुई है। सस्ते इलाज के चक्कर में बेचारे लोग फंस जाते हैं और फिर हालत बिगड़ने पर या तो स्वयं या फिर इन्ही झोलाछाप के द्वारा बड़े अस्पतालों में रेफर कर दिए जाते हैं, चित भी मेरी पट भी मेरी इधर से मिला” उधर से भी मिला,, मतलब फिलहाल ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के हाथ पैर घी में और सर कढ़ाई में है, क्योंकि सरकार भी इस तरफ कोई भी ध्यान नहीं दे पा रही पहले प्रैक्टिस के समय अवधि के हिसाब से कुछ पारंगत प्रैक्टिशनरो को सरकार की तरफ से लिखित रूप से वैध प्रैक्टिस के लिए सर्टिफिकेट दिया जाता था। अब ऐसा कोई प्रावधान है, लिहाजा कम समय में ही लोग स्वयं को एक डॉक्टर के रूप में प्रतिष्ठित कर क्लीनिक या नर्सिंग होम खोल कर बैठ जाते हैं, इस प्रकरण में स्वयंभू डॉक्टर को नहीं पता था कि जो इंजेक्शन उसने दिया है उसके असर को कौन सी दवा समाप्त कर सकती है, परिणाम स्वरूप जानिब ने अपनी जान गवां दी पत्नी और दो बच्चों को अपने पीछे छोड़ गया जो लोगों और सरकार के रहमों करम पर पलेंगे।
मृतक के भाई मंसूर अली नें बताया कि आज सुबह जानिब के पेट मे गैस की प्रॉब्लम होने की वजह से पेट में दर्द होने पर घर के पास न्यू लाइफ लाइन हॉस्पिटल एण्ड पॉली केयर सेंटर डॉ रिजवान व इस्तियाक अहमद के दवाखाने में दवाई लेने गये और डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन लगा दिया जिससे जानिब मौत हो गई और फिर दोनों डॉक्टरों नें जानिब को अपनी गाड़ी में लेकर कही जाने लगे तभी जानिब के बेटे की नजर पड़ गई और उसने घर पर सूचना दी जिसपर जानिब के भाई नें डॉक्टर की गाड़ी का पीछा कर उन्हें रोककर पूछा तो डॉक्टर ने कहा घबड़ाने की जरूरत नहीं है इन्हे कुछ हार्ड में दिक्कत हुई है,अभी सही हो जाएंगे तो फिर जानिब का भाई डॉक्टर के पीछे पीछे लग गया और दोनों डॉक्टर पहले वैष्णवी हॉस्पिटल ले गए जहाँ उसे भर्ती करने से मना कर दिया फिर SR हॉस्पिटल लेके गये वहाँ भी भर्ती नही किया गया तब कानपुर ह्र्दय रोग संस्थान लेके गये और जैसे ही वहां डॉक्टरों नें जानिब की जांच कर मर्त घोषित किया दोनों झोलाछाप डॉक्टर वहां से गायब हो गए और फिर जानिब का शव लेकर घर पहुंचे जानिब के शव को देख परिजनों में मातम छा गया क्षेत्रीय लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई फिर 112 नंबर पर पुलिस को जानकारी दी घटना की जानकारी पाते ही नौबस्ता पुलिस तत्यप्रता से पहुंच कर शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
अब देखना है, की इन झोलाछाप छाप डॉक्टरों पर स्वास्थ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही होगी या फिर इसी तरह हर छोटी छोटी बस्तियों में दवा की दुकानें खोलकर बैठे झोलाछाप मासूम गरीबों की जिंदगियों से ऐसे ही खेलते रहेंगे।
एडीटर इन चीफ : सुशील निगम