थाना नौबस्ता कानपुर कमिश्नरेट की पुलिस ने जान की बाजी लगाकर पकड़े 10 जुआरी
थाना नौबस्ता कानपुर कमिश्नरेट की पुलिस ने जान की बाजी लगाकर पकड़े 10 जुआरी
राष्ट्र हित को देखते हुए पत्रकारों से पूरा वाकया छुपाते रहे SHO
पूरे प्रकरण का हड़बड़ी में जारी किया प्रेस नोट
31 जुलाई को लिखा गया प्रेस नोट 30 जुलाई को ही कर दिया जारी
कानपुर : थाना नौबस्ता उपनिरीक्षक पवन कुमार मिश्रा मय लावलश्कर हरी मजार मछरिया के पास जुआ खेल रहे 10 जुआरियों को गिरफ्तार करने पहुंचे जान की बाजी बाजी लगाकर दसों को गिरफ्तार कर थाने ले आई साथ ही 52 आदत ताश के पत्ते 62,300 रुपये के साथ पुलिस ने बरामद किए बाद में जामा तलाशी के दौरान भी 1630 रुपए जुआरियों के पास से पुलिस को बरामद हुए पुलिस को जुआ खेलते हुए,मोहम्मद नियाज उर्फ शोभी, मोहम्मद एजाज,मुख्तार, मोहम्मद इकराम अली, आरिफ,सानू ,नासिर, मुन्ना, महफूज खान और विक्की नाम के जुआरियों को गिरफ्तार किया गया उन पर मुकदमा संख्या 571/2022 धारा 13 जी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत किया गया गिरफ्तार अभियुक्तों पर आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।
SHO मानवेन्द्र सिंह ने बताया की सभी अभियुक्तों को फिलहाल मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
अब ये समझ में नही आता कि जुवां खेलने और खिलाने वालों को पुलिस पकड़ती ही क्यों है?जब कोई विशेष कार्यवाही का प्रावधान नहीं हैं,मामूली सी कार्यवाही कर थाने से ही निजी मुचलके पर रिहा कर दिये जाते हैं,
जबकि देखा जाए तो जुवां खेलना और खिलाना दोनो ही अपराधों को बढ़ावा देने के बराबर हैं,आजकल की युवा पीढ़ी अपनी शिक्षा और कार्य व परिवार की जिम्मेदारियों से विमुक्त होकर नशेबाजी करते हैं और अपने ही परिवार व ईष्ट मित्रों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं,आए दिन कहीं न कहीं दबंगई और गुंडई करते नजर आते हैं, और चोरी लूट जैसी घटनाओं को अंजाम भी देते हैं,और कभी कभी हत्या जैसी घटनाएं भी घटित हो जाती हैं।