तुरंत ध्वस्तीकरण का आदेश नोटिस चस्पा देख कर ऐसा लगा न केवल अनधिकृत निर्माण ध्वस्त किया जाएगा बल्कि निर्माणकर्ता को भी ध्वस्त कर देगा केडीए।
बिना आवाज किए टाँय टाँय फिस्स,मतलब ना तो निर्माण ध्वस्त हुआ ना निर्माणकर्ता पर f.i.r. हुई।मजे की बात है कि चस्पा नोटिस भी गायब।
कानपुर :थाना नौबस्ता क्षेत्र राजीव नगर आराजी संख्या 881 रकबा 10.410 बूढ़पुर मछरिया कानपुर नगर पर समरजीत मिश्रा द्वारा अनाधिकृत निर्माण कराया गया था। जिसमें उन्हें स्वतः गिराने के लिए कई नोटिस दी गई लेकिन ढीठ निर्माणकर्ता ने न तो निर्माण गिराया और न ही सुनवाई के लिए दी गई तारीख पर हाजिर हुआ। लिहाजा केडीए नें ध्वस्तीकरण का आदेश पारित कर दिया और उसमें साफ-साफ लिखा की हर्जा खर्चा वसूल किया जाए,निर्माण को ध्वस्त किया जाए व अनाधिकृत निर्माण कर्ता पर f.i.r. भी की जाए। 14 सितंबर को तुरंत ध्वस्तीकरण का आदेश पारित कर नोटिस चस्पा कर दी गई।
पर हाय रे भारत की कानून और न्याय व्यवस्था हाय रे प्रशासन व्यवस्था 15 अक्टूबर तक चस्पा नोटिस का पता नहीं कहां गई? तारीखों की सुनवाई का कोई ठिकाना नहीं! एफ आई आर की सूरत अभी तक बनी नहीं! निर्माण जैसा का तैसा खड़ा है। तुरंत ध्वस्तीकरण का आदेश कैसे ध्वस्त हो गया इसका पता नहीं? वैसे पता तो सब है लेकिन कहा नहीं जाता ऐसी प्रथा हैअपने भारत की ।क्योंकि सच बोलने वाले को आप लोग जानते ही हैं क्या मिलता है, इसलिए कोई भी समझदार व्यक्ति सच्चाई को उच्च स्वर में बयान नही करता।दबे स्वर में ही कानाफूसी होती रहती है मगर वही सच होता है वरना ध्वस्तीकरण का आदेश कैसे ध्वस्त हो गया किसी भी अधिकारी को किसी भी माध्यम से यह बताने की छूट है वह जिस तरह चाहे आम जनमानस को इस भागीरथ प्रश्न का उत्तर अपने विवेक अनुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन दे सकता है।टाइम 7 न्यूज़ और उत्तर प्रदेश की आम जनता को उत्तर का इंतजार रहेगा।
(एडीटर इन चीफ : सुशील निगम)