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जी 20 शिखर सम्मेलन की मुख्य बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन देशों के खिलाफ ठोस कारवाई की मांग की है जो कि अपने राजनीतिक हितों के लिए आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं. जी20 शिखर सम्मेलन में सभी देशों से यह अपील करते हुए मोदी ने अलकायदा और आईएसआईएस के साथ लश्कर ए तैयबा एवं जैश ए मोहम्मद को बड़े आतंकवादी संगठन बताया.
जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं के समाधान पर की बातचीत
जी20 देशों के नेताओं ने आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं के समाधान एवं मुक्त व्यापार जैसे मामलों पर विचार विमर्श किया. ऐसे में, मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया और आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के अधिकारियों के जी20 देशों में प्रवेश पर रोक लगाने की वकालत की.
आपको बता दें कि हिंसक प्रदर्शनों के बीच जर्मन शहर में शिखर सम्मलेन शुरू हुआ. जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने विवादास्पद मुद्दों पर कोई सर्वसम्मति नहीं बन पाने की स्थिति में समझौता करने का भी प्रस्ताव रखा. जबकि भारत उन अधिकतर देशों के पक्ष में प्रतीत हुआ जिन्होंने ग्लोबल वार्मिग, संरक्षणवाद एवं आतंकवाद को मदद करने वालों के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक कदम उठाने की मांग की.
मोदी के उठाए कई मामलों का जिक्र घोषणापत्र में हुआ
जी20 देशों ने नेताओं ने इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथ के प्रसार को रोकने और आतंकवादियों की पनाहगाहों के खिलाफ कार्वाई करने का संकल्प लिया. घोषणापत्र में कई उन मामलों का जिक्र किया गया जो मोदी ने सुबह शुरूआत में नेताओं के र्रिटीट के दौरान उठाए थे.
गतिरोध के बावजूद मोदी और शी की मुलाकात
सिक्किम क्षेत्र में भारत और चीन की सेनाओं के बीच चल रहे गतिरोध के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ब्रिक्स नेताओं की अनौपचारिक बैठक के दौरान एक दूसरे से हाथ मिलाया और मुद्दों पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने बताया है कि मोदी और शी ने व्यापक मुद्दों पर चर्चा की है.
प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘हैमबर्ग में चीन की मेजबानी में हुई ब्रिक्स नेताओं की अनौपचारिक बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी ने व्यापक मुद्दों पर बातचीत की.’ हालांकि बागले ने बातचीत से जुड़े मुद्दों के बारे में ब्यौरा नहीं दिया. विदेश मंत्रालय ने मोदी और शी की हाथ मिलाते हुए तस्वीर ट्वीट की.
चीन की अध्यक्षता में ब्रिक्स समूह की तारीफ
बाद में मोदी ने चीन की अध्यक्षता में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) समूह में गतिशीलता की तारीफ की है. मोदी ने बीजिंग की मेजबानी में होने जा रहे ब्रिक्स के आगामी शिखर सम्मेलन के लिए पूर्ण समर्थन देने की भी बात कही .
जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर ब्रिक्स के नेताओं की एक अनौपचारिक मुलाकात में बोलते हुए मोदी ने समूह के नेताओं से अपील की कि वे आतंकवाद से मुकाबले और वैश्विक आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए नेतृत्व दिखाएं.
मोदी के ठीक बाद अपने संबोधन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी भारत की अध्यक्षता के दौरान ब्रिक्स के तेजी से आगे बढ़ने की तारीफ की. भारत की अध्यक्षता की अवधि पूरी होने के बाद चीन को ब्रिक्स की अध्यक्षता सौंपी गई है.
पांचों ब्रिक्स देशों के नेताओं, जिनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भी शामिल हैं, ने आगामी सितंबर में चीन के शियामेन में होने वाले 9वें शिखर सम्मेलन की तैयारियों और प्राथमिकताओं पर चर्चा की .
पीएम ने पाकिस्तान पर साधा निशाना
मोदी ने कहा, ‘जी-20 को आतंकवाद को पैसे मुहैया कराने, फ्रेंचाइजी, सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराने, समर्थन करने और प्रायोजित करने का सामूहिक तौर पर विरोध करना चाहिए.’ प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद का नाम लेते हुए पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा कि कुछ देश राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आतंकवाद का एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं.
मोदी ने जी-20 शिखर बैठक को संबोधित करते हुए लश्कर और जैश की तुलना आईएसआईएस और अलकायदा से की और कहा कि इनके नाम भले ही अलग हों, लेकिन इनकी विचारधारा एक है.
पीएम ने 11 सूत्री कार्य एजेंडा पेश किया जिसमें जी-20 देशों के बीच आतंकवादियों की सूचियों के आदान-प्रदान, प्रत्यर्पण जैसी कानूनी प्रक्रियाओं को आसान बनाने एवं गति देने और आंकवादियों को धन एवं हथियारों की आपूर्त पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने के सुझाव शामिल हैं.
मोदी ने पाकिस्तान की ओर साफ इशारा करते हुए कहा, ‘कुछ देश आतंकवाद का इस्तेमाल राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कर रहे हैं.’ उन्होंने दक्षिण एशिया में लश्कर और जैश की गतिविधियों की तुलना पश्चिम एशिया में दाएश (आईएसआईएस) और अलकायदा तथा नाइजीरिया में बोको हराम की गतिविधियों से की.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इनकी एकमात्र विचारधारा नफरत फैलाना और नरसंहार करना है.’ आतंकवाद के प्रति अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं के कमजोर होने पर अफसोस जताते हुए मोदी ने कहा कि इस समस्या से निपटने में देशों का नेटवर्क कम है, जबकि आतंकवादियों का नेटवर्क बेहतर है.
मोदी की ब्रिक्स नेताओं के साथ अनौपचारिक बैठक
इससे पहले दिन में मोदी ने ब्रिक्स नेताओं के साथ अनौपचारिक बैठक में कहा है कि उत्तर कोरिया में भूराजनीतिक तनाव और खाड़ी एवं पश्चिम एशिया के घटनाक्रम चिंता का विषय हैं.
शिखर बैठक स्थल के बाहर पूंजीवाद विरोधी कार्यकर्ताओं और दूसरे मानवाधिकार समूहों ने प्रदर्शन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर बैठक से इतर जापान और कनाडा के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय मुलाकातें की. कई विश्व नेताओं के साथ उनकी अनौपचारिक बातचीत भी हुई.
पीएम ने ट्रंप से भी की बात
मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के साथ संक्षिप्त बातचीत की. मोदी ने ब्रिक्स नेताओं के साथ बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति मिचेल टेमर और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ अनौपचारिक बातचीत की. बाद में मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदो से द्विपक्षीय मुलाकात की तथा कई मुद्दों पर बातचीत की.