जनता व सरकार को लूट रहे राजस्व अधिकारी और भूमाफिया
वर्षों से सरकारी जमीनों पर चल रहा लूट का खेल अब बिजली की गति से दौड़ रहा
आराजी कहीं और कब्जा कहीं पर देकर भोली-भाली जनता की गाढ़ी कमाई को भूमाफिया लगा रहे चूना।
टि्वटर में वायरल हो रही खबर से प्रकाश में आया पूरा मामला।
मामले की शिकायत करने पर चोर को ही सौंपी गई चोरी की जांच।
कानपुर नगर : तहसील,कानपुर सदर के राजस्व निरीक्षकों और भू माफियाओं की जबरदस्त सांठगांठ के चलते बूढ़पुर मछरिया परगना के अंतर्गत आने वाली जमीनों में चल रहे अजब गजब खेल।मामला आज दिनांक 4 मार्च को शिकायतकर्ता कुंवर बृजराज सिंह राजावत द्वारा ट्विटर पर राजस्व निरीक्षक सत्य प्रकाश वर्मा को आला अधिकारियों द्वारा सौंपी गई जांच में अपने मन मुताबिक ढंग से लगाई गई आख्या पर आरोप लगाते हुए पोस्ट की गई है ।जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा 11 जनवरी को पत्र द्वारा मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया था जिसपर संज्ञान लेते हुए उपसचिव मुख्यमंत्री siddhasharan pandey ji के द्वारा DM कानपुर को जांच के लिए भेजा गया था ,और कानपुर जिला अधिकारी ने कानपुर सदर तहसील के कानूनगो सत्य प्रकाश वर्मा को सम्पूर्ण मामले की सही जांच कर रिपोर्ट मांगी थी ।जिसमें जांचकर्ता सत्य प्रकाश वर्मा ने ना तो शिकायतकर्ता बृजराज सिंह से कोई बातचीत की,नाही खुद रिपोर्ट लगाई बल्कि शिकायत कर्ता नें जिस लेखपाल पर आरोप लगाते हुए शिकायत की थी कानूनगो साहब ने उन्ही को जाँच सौंप दी। मतलब साफ है कि जिसने चोरी की वही अपनी चोरी पर निष्पक्ष रिपोर्ट लगाए जोकि असंभव है ।और आज जब इस विषय में कानूनगो सत्य प्रकाश वर्मा से times7news के एडीटर इन चीफ द्वारा फोन पर बात की गई तो कानूनगो सत्य प्रकाश वर्मा द्वारा बताया गया कि मैंने आख्या नही लगाई हैं क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा आख्या लगाई गई है ।मैंने तो केवल साइन किए जब उनसे पूछा गया की आपने बिना देखे साइन कर दिए हैं तो उन्होंने बताया कि मैंने ही नहीं तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एसडीएम साहब सबके ही साइन है और यह रिपोर्ट लेखपाल ही लगाते हैं।
अब सवाल यह उठता है कि जब जांच राजस्व निरीक्षक कानूनगो सत्य प्रकाश वर्मा को सौंपी गई तो फिर लेखपाल ने क्यों जांच कर आख्या लगाई?
दूसरी बात यह है कि लेखपाल ने आख्या लगाई तो कानूनगो साहब तहसीलदार साहब और नायब तहसीलदार साहब यहां तक की एसडीएम साहब ने भी उनके द्वारा लगाई गई आख्या पर आंख बंद करके साइन कर दिए? आखिर ऐसा क्यों ?
इससे आगे की खबर श्रोताओं और पाठकों के हित में कल फिर
( एडीटर इन चीफ सुशील निगम )