Editorial.Special
चोटी कटने की घटनाएँ कितनी सच कितनी अफवाह और अफरा तफरी पर विशेष-
साथियों,
हमारे यहाँ पर कुछ ऐसे असामाजिक अराजक तत्व रहते हैं जो समय समय पर समाज तरह तरह की अफवाह फैलाकर दहशत पैदा करते रहते हैं।ऐसे तत्वों का अफवाह फैलाकर दहशत पैदा करना एक पेशा बन गया है।कभी मुहंनोचवा के रूप में कभी मुड़ कटवा के रूप में तो कभी पकन्ना के रूप लोगों का जीना हराम कर देते हैं।इस समय एक नयी समस्या चोटी कटने की आ गयी है जो महाराष्ट्र राजस्थान मध्यप्रदेश होते हुये उत्तर प्रदेश पहुँच गयी है।हमारे यहाँ पर अभी भी तमाम लोग भूत प्रेत हवा बयार पर विश्वास करते हैं इनमें पढ़ें लिखे और गँवार दोनों शामिल हैं।कहते हैं कि भय ही भूत होता है जो भूत प्रेत पर विश्वास करते हैं उन्हीं पर भूत प्रेत का असर होता है।जो लोग पीपल के पेड़ पर ब्रह्मदेव का निवास मानते हैं और कहते हैं कि-” मूले ब्रह्मा तूने विष्णु साखे साखे महेश्वरः, पात्रे पात्रे देवानाम वृक्ष राजा नमस्तुते”।ऐसे लोग जब पीपल को काट देते हैं या गंदगी कर देते हैं तो वह बीमार हो जाते हैं जबकि जो इस पर विश्वास नहीं करते हैं उन पर कोई असर नहीं पड़ता है।
चोटी कटने की घटनाओं को भी कुछ लोग भूत प्रेत हवा बयार मान रहे हैं जबकि ऐसा नहीं है।इस समय चोटी कटने का मौसम चल रहा है जिससे गाँवो में भय व दहशत व्याप्त है और कुछ लोग तो हेल्मेट पहनकर सोने लगे हैं।रोजाना चोटी कटने की घटनाएँ एक तबका विशेष में हो रही हैं।एक तरफ तो यह दावा किया जा रहा है कि चोटी भूत प्रेत नहीं बल्कि एक ऐसा कीड़ा है जो बालों को कुतर देता है।चोटी कटने की घटनाएँ बूढ़ी महिलाओं के साथ नहीं बल्कि युवा व बालिकाओं के साथ हो रही हैं।चोटी कटने की घटनाएँ प्रायः सोते समय होती है और पता चलते ही पीड़िता बेहोश हो जाती है और अस्पताल पहुँचते ही उन्हें होश आ जाता है।
आज तक किसी ने भी चोटी काटते हुये किसी को नहीं देखा है।किसी की चोटी छत तो किसी की घर के अंदर सोते समय कट जा रही हैं।चोटी कटने की घटनाओं में लगातार वृद्धि होती जा रही है और इसका दायरा रोज बरोज बढ़ता ही जा रहा है।इन घटनाओं से लोगों की नींद हराम हो गयी है और लोगों में दहशत पैदा हो गयी है।
चोटी कैसे कटौती है और कौन काटता है इसका पता लगाना एक समस्या बनती जा रही है।इस समस्या का तत्काल निदान जरूरी है क्योंकि इससे अफरा तफरी फैल रही है।आज तक ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका निदान न हो किन्तु चोटी कटने की घटनाओं के प्रति सरकार मौन साधे बैठी है जो उचित नहीं है।इसका पर्दाफाश होना जनहित में आवश्यक है।धन्यवाद।
भोलानाथ मिश्र
वरिष्ठ पत्रकार/ समाजसेवी
रामसनेहीघाट,बाराबंकी यूपी