घर के सामने की सड़क पर 6 वर्षों से कब्जा
आवास विकास निदेशक द्वारा अवैध जगह का आवंटन भी।
अवैध कब्जे के ध्वस्तीकरण के आदेश के बावजूद ध्वस्त नहीं कर पा रहा आवास विकास
अवैध कब्जेदार की पहुंच बहुत ऊपर तक जिसके आगे सरकारी तंत्र भी नतमस्तक
कानपुर :थाना नौबस्ता क्षेत्र आवास विकास योजना संख्या- 02 -3/688 के आवंटी उदयवीर सिंह चौहान के घर के आगे खाली जमीन पार्क की सीमा से जुड़ी सड़क पर अवैध रूप से 19.78 मी. जगह पर 14×20 फिट का आरसीसी स्लैब का हाल बना अनाधिकृत अतिक्रमण कर लिया गया। और आवास विकास परिषद गहरी नींद में सोता रहा जबकी पड़ोस में रहने वाले 03/689 विपुल शुक्ला द्वारा आवास विकास परिषद में लिखित शिकायत की पर किसी नें न तो निर्माण रुकवाया और न ही उसका ध्वस्तीकरण करवाया और 21जून 2016 को पत्रांक स0- डी/197/अधि0 अभि0-2/2016-2017 के अनुसार जोन 2 के जोनल अधिकारी के द्वारा स्थल का निरीक्षण करने पर अवैध निर्माण की पुष्टि करते हुए अतिक्रमण कर्ता को 13 जून 2016 को पत्र जारी कर अतिक्रमण को हटाने के लिए आदेशित किया गया। लेकिन दबंग अतिक्रमण कर्ता के कानों में जूं तक नही रेंगी और न ही अनाधिकृत अतिक्रमण को हटाया और जबकी आवास विकास परिषद के HC Nद्वारा कानपुर जिला अधिकारी महोदय कानपुर नगर को 28 सितम्बर 2020 पत्र लिखकर अवैध रूप से बने उदयवीर सिंह चौहान के भवन को ध्वस्तीकरण कराने के लिए मजिस्ट्रेट व पुलिस बल की मांग की गई लेकिन पता नही क्यो ध्वस्तीकरण की कार्यवाही नही हो सकी
आखिर किन कारणों से आवास विकास परिषद अनाधिकृत अवैध निर्माणों को रोक पाने व उनके ध्वस्तीकरण करवाने की कार्यवाही करने में असमर्थ हैं।जब एक छोटी सी जगह पर अनाधिकृत अतिक्रमण हटाने में लगभग 6 वर्षो से कार्यवाही नहीं कर रही तो अन्य भूमाफियाओ द्वारा बड़ी बड़ी जमीनों को कैसे खाली कराएगी। केवल इसके लिए आवास विकास ही नही जिम्मेदार हैं ।नगर निगम व पीडब्ल्यूडी भी ऐसे मामलों मे बराबर की सरीक हैं।आखिर वो कौन सी ताकत है जो उदयवीर चौहान जैसे लोगों को संरक्षण प्रदान करती हैं, जिसके चलते ध्वस्तीकरण की कार्यवाही नही हो पा रही हैं।
हद तो तब हो गई जब अवैध जगह की जिसका आवंटन कदापि किसी भी नियम द्वारा संभव नहीं है। दोबारा फिर से नीलामी के तहत पत्रांक स0- 2281- 26 जून 2021 को अवैध कब्जे दार के नाम पर फिर से आवंटित कर दी गई मतलब कि पूरे सरकारी तंत्र को उदयवीर चौहान और उनके संरक्षक अंगूठा दिखाते हुए मानव कह रहे हो कि हम तो वही करेंगे जो हमारी मर्जी होगी और जो उखाड़ सकता हो उखाड़ ले।
(एडीटर इन चीफ : सुशील निगम)