ग्रीन पार्क में खिलाड़ियों का शोषण उपनिदेशक मुर्दाबाद के लगे नारे, दिया गया डीएम को ज्ञापन
गली गली में शोर है मुद्रिका पाठक चोर है- पीड़ित खिलाड़ी
हम हरामजादे नही खिलाड़ी हैं- पीड़ित खिलाड़ी
कानपुर : जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेल व खिलाड़ियों को बेहतरीन आयाम देने का प्रयास कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के ग्रीन पार्क में उपनिदेशक खेल के पद पर तैनात अधिकारी ने खिलाड़ियों को खेलने से मना किया ही साथ ही अभद्र टिप्पणियां कर खिलाड़ियों को शोषित करने का काम भी कर रही हैं। उपनिदेशक के इस कृत्य पर खिलाड़ियों ने और कानपुर ओलंपिक संघ ने मिलकर उपनिदेशक की जमकर आलोचना की और साथ ही उन को बर्खास्त करने की मांग की। जिसका ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया गया।
आइए चलें पूरे घटनाक्रम की ओर खिलाड़ियों ने आरोप लगाया की जब वह अभ्यास करने के लिए ग्रीन पार्क गए तो उपनिदेशक मुद्रिका पाठक ने उनको स्टेडियम से भगा दिया। वहीं महिला खिलाड़ियों ने आरोप लगाया कि उपनिदेशक उनकी शारीरिक बनावट पर अभद्र टिप्पणियां करती रहती हैं जिससे वह आहत हैं।
यह हैं आरोप जो खिलाड़ियों ने लगाए हैं।
-महिला व पुरुष खिलाड़ियों की तलाशी लेना अभद्र शब्दों का प्रयोग करना।
-तलाशी में मोबाइल आदि जमा करा लेना।
-महिला खिलाड़ियों के शारीरिक स्वरूप पर गंदी टिप्पणी करना.
-महिला खिलाड़ी सहित सभी खिलाड़ियों से गाली देकर अभद्र भाषा में बात करना.
-खेलों को सुचारू रूप से ना चलाना बल्कि खेलों को बंद करना।
-किसी बात पर खिलाड़ियों द्वारा निवेदन करने पर बिना सुने गाली देकर भगा देना.
– खेल के लिए खेल सामग्री आदि ना उपलब्ध कराना.
-राष्ट्रीय स्तर व पदक विजेताओं को खेल परिवर्तन के लिए दबाव बनाना.
-खिलाड़ियों के अभिभावकों के संपर्क करने पर दुर्व्यवहार करना। अभद्रता कर भगा देना.
-गरीब खिलाड़ियों के साथ उनकी आर्थिक स्थिति पर टिप्पणी करना.
-खिलाड़ियों को अपने नेताओं व अधिकारियों से संपर्क है उसके धमकी देना.
-कोई भी खिलाड़ी किसी को भी मेरी शिकायत करेगा उसका कैरियर खराब कर दूंगी.
उपरोक्त सभी आरोप लगाते हुए खिलाड़ियों ने और ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव रजत आदित्य दीक्षित ने काली पट्टी बांधकर उपनिदेशक मुर्दाबाद के नारे लगाते हए धरना प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया और जल्द से जल्द उपनिदेशक को बर्खास्त करने की मांग की।
धरना प्रदर्शन में आधिकारिक रूप से
संजीव दीक्षित, कौशलेंद्र प्रताप सिंह, विपिन सोनकर, सौरभ गौर, मनीष मिश्रा, सुनीता यादव, साधना मिश्रा, संजीव शुक्ला रहे।
(एडीटर इन चीफ : सुशील निगम)