कानपुर विकास प्राधिकरण में पव्वे का बोल बाला
आंखों पर चिपका भ्रष्टाचार सरकार कैसे पाएगी भ्रष्टाचारियों से पार
कानपुर दक्षिण क्षेत्र में केडीए के आला अधिकारी व कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं,कोई नई बात नहीं है। लेकिन मौजूदा सरकार के वादों और दावों के साथ प्रशासन के कार्यों की समरसता नहीं हो पा रही। प्रशासन सरकार के दावों को खोखला साबित करने के लिए जी-जान से जुटा फर्क यह है, कि पिछले ढाई वर्ष से यशोदा नगर बजरंग चौराहे पर चौरसिया मार्केट के नाम से लगभग ग्यारह सौ वर्ग गज जमीन पर अवैध निर्माण बदस्तूर जारी है,बिना नक्शा पास कराए 700 वर्ग गज पर बेसमेंट का निर्माण हो चुका है,जिसे केडीए के अधिकारी और सर्वेयर आंख खोल कर भी देख नहीं पा रहे हैं,जबकि सोसायटी क्षेत्रों 50 से 100 वर्ग गज जमीन पर फावड़ा मारते ही केडीए के कर्मचारी पहुंच जाते हैं,और नक्शे के नाम पर गरमा गरम बहस कर ठंडे की जुगाड़ कर लेते हैं,ऐसे में ग्यारह सौ वर्ग गज जमीन पर गैर मानक निर्माण को ना देखने के लिए गुलाबी चश्मा की जरूरत पड़ी होगी।जो शायद समय से केडीए अधिकारियों को मोहिया हो गया होगा।
वरना टाइम 7 न्यूज़ ने दसियों बार के डी ए विभाग को जगाने का काम कर चुका है।लेकिन के डी ए का हर कर्मचारी अभी भी कुंभकरण बना है। अब सरकार ही तय करें उसे भ्रष्टाचारियों पर किस तरह नकेल डालनी है,ताकि समाज के हर वर्ग और आय के व्यक्ति को समान रूप से सुरक्षा और न्याय मुहैया कराया जा सके।
और आप बताते चलें कि केवल एक चौरसिया मार्केट ही नही कानपुर दक्षिण में कई ऐसे भवनों का निर्माण हो चुका है,और कई भवनों में निर्माण चल रहा है। जैसे यशोदा नगर देवकी नगर चौराहे पर गुप्ता मार्केट जिसमें बालकनी तक को कबर्ड एरिया में लेकर दुकाने बना डाली और सैनिक चौराहे से गंगापुर वाली रोड कार्नर में बड़ी लैन्ड पर निर्माण चालू हैं। जिसमें तलघर का लेन्टर भी पड़ चुका है।
आखिर कब अपनी आँखे खोलेगा के डी ए विभाग और कब जागेगा के डी ए प्रशासन।
रिपोर्टर इन चीफ :- सुशील निगम