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*गुजरात के पटेल आंदोलन की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में कुर्मी स्वाभिमान महासंघ नें राजनीति में कुर्मी जाति की हिस्सेदारी के लिए ढोल बजाना शुरू किया*
*गुजरात के पटेल आंदोलन की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में कुर्मी स्वाभिमान महासंघ नें राजनीति में कुर्मी जाति की हिस्सेदारी के लिए ढोल बजाना शुरू किया*
कानपुर :23 जुलाई बर्रा-8 उमराव लॉन
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भारतवर्ष में जाति गत राजनीति समय समय पर अपने पांव फैलाती रही है। भारत की राजनीति नें हिन्दू धर्म के कई टुकड़े किए है कभी सवर्णों के नाम पर, कभी दलितों के नाम पर, कभी बैकवर्ड के नाम पर आज उसी कड़ी में कुर्मी स्वाभिमान महासंघ कुर्मी जाति के लिए राजनीति में हिस्सेदारी *(आरक्षण)* की मांग के लिए उच्च स्वर में भोंपू बजाना चालू कर दिया “जिनका नारा है आत्मरक्षा के लिए संगठन ना बनाना आत्महत्या के बराबर है,, अर्थार्थ संपूर्ण कुर्मी जाति को भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास नहीं है।और यह अपनी आत्म रक्षा के लिए अपने राजनेता अलग तय करना चाहते हैं भारतीय राजनीति की यह विडंबना है सन 1946 के बाद कई ऐसे ही राजनेता मिले जिन्होंने देश और देश की आवाम के लिए ना सोच कर निज स्वार्थ हितों के लिए राजनीति की शक्ति का प्रयोग किया ऐसे उद्देश्यों के लिए आगे आने वाले संगठन भारतीय उच्च राजनीति परवेश तक पहुंचने की मुहिम बनाते हैं और किसी भी जाति के नाम पर लोगों को विखंडित करते हैं जिससे भारत की राष्ट्रीय एकता को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचता है। और आज फिर एक ऐसा ही प्रयास किया जा रहा है।
*कानपुर बर्रा 8 में उमराव लान में आयोजित कुर्मी स्वाभिमान महासंघ द्वारा* आज 23 जुलाई 2017 को एक बैठक आयोजित की गई जिसमे कुर्मी स्वाभिमान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक सुशील कुमार कटियार पूर्व राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार नें कहा कि हमें अपने संगठन की शक्ति देश की सरकार के कानों तक पहुंचानी है। और हमें अपने अस्तित्व की अभिव्यक्ति करनी है। हमें हमारे कुर्मी समाज के लिए राष्ट्रीय राजनीति में हिस्सा चाहिए इसके लिए हम संपूर्ण कुर्मी समाज को कुर्मी स्वाभिमान महासंघ के बैनर तले एकत्र करेंगे और सरकार के दांत खट्टे कर देंगे।
एडिटर:-आर्यप्रकाश मिश्रा
रीपोर्टर इन चीफ:-सुशील निगम