गायब होते तालाबों के पीछे भू माफिया और कौन
नरवल तहसील परिसर में तालाबों को बचाने के लिए आमरण अनशन धरना प्रदर्शन पर बैठी करणी सेना
10 दिनों के अंदर भू माफियाओं पर सख्त कार्यवाही का उप जिलाअधिकारी ने दिया आश्वासन
U.P.कानपुर : थाना नरवल कानपुर नगर की अगर बात कहे तो भू माफिया मछरिया जैसी झील खा गए फिर तालाबों की औकात ही क्या,बिसात ही क्या और बहुत गहरी बात यह है, की कितना बड़ा भी भूमाफिया क्यों ना हो उसकी पहुंच कितने भी ऊपर तक क्यों ना हो,अकेले वह किसी भी प्रकार से चाहे वो तालाब हो, ऊसर हो, चारागाह हो या भी कोई भी सरकारी हो हजम नहीं कर सकता जब तक की उस पूरी जमीन का एक बड़ा हिस्सा सरकारी अमले के पेट में ना जाए मतलब साफ है राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना ऐसे काम नहीं हो सकता तुम मान्यवर उप जिलाधिकारी महोदय जी अगर आप भू माफियाओं को अपराधी मानकर सख्त कार्यवाही करना चाहते हैं,तो ऐसे भू माफियाओं का साथ देने वाले छोटे या बड़े प्रत्येक अधिकारी या सरकारी कर्मचारी की तलाश अवश्य कर लीजिए क्योंकि उनके बिना ऐसा संभव ही नहीं हो सकता।
29 जून को करणी सेना के द्वारा नरवल तहसील के ग्राम पंचायत सरसौल की सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के विरोध में आमरण अनशन किया गया। जिसमें प्रांतीय अध्यक्ष कु0 बृजराज सिंह राजावत ने उप जिलाधिकारी नरवल अमित कुमार तोमर को अपनी शिकायत और मांग पत्र सौंपा उनका सीमांकन और चिन्हअंकन करके सुंदरीकरण और तालाब निर्माण कराने हेतु मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की मांग की गई। माननीय उप जिलाधिकारी महोदय ने अनशन पर बैठे मुखिया को 10 दिन के अंदर अंदर भू माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दे डाला करणी सेना के पदाधिकारियों ने 1 महीने में समस्त आराजी संख्याओं का सीमांकन कार्य न होने के स्थिति में हाईकोर्ट में भू माफियाओं और अधिकारियों के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर करने की योजना भी बनाई, पूरे प्रकरण में कानपुर प्रांतीय अध्यक्ष कुं0 बृजराज सिंह राजावत ,प्रांत मंत्री अनुराग शुक्ला, सार्थक दीक्षित, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य जगदीश पासवान, नरवल तहसील प्रभारी विपिन शुक्ला उर्फ लाली शुक्ला, विवेक शुक्ला, सुशील कुमार वर्मा, डॉक्टर संदीप गुप्ता,धीरू अवस्थी, छोटू शुक्ला, अनुज अग्निहोत्री, नितिन सेन इत्यादि करणी सैनिक शामिल हुए।
(एडीटर इन चीफ : सुशील निगम)