किसान और सुरक्षा बजट ने 2022 और 23 में मारी बाजी।
राष्ट्रीय स्तर पर विकासशील योजनाओं को भी मिला बजट में प्रमुख स्थान।
नई दिल्ली बजट 2022-23 यूं तो बजट हर साल पेश होता है लेकिन इस साल का बजट कुछ खास है। इस साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आगामी खर्च का खुलासा किया। जिसमें नंबर एक पर प्रधानमंत्री किसान योजना रही यानी बजट में किसानों के लिए एक बहुत बड़ा हिस्सा तय किया गया। दूसरे नंबर पर सीमावर्ती खतरों को देखते हुए सुरक्षा पर एक निश्चित और बड़ी धनराशि खर्च करने का फैसला लिया गया। देश में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास के लिए तीसरे नंबर की बड़ी धनराशि समर्पित की गई ।इसके बाद गृह मंत्रालय जिसे विकास के लिए पिछली बार से भी अधिक धनराशि का आवंटन किया गया। भारतीय रेलवे को भी विकसित करने के लिए पांचवें नंबर की बड़ी धनराशि से नवाजा गया। छठे नंबर पर ग्रामीण विकास मंत्रालय रहा इसे भी पिछली बार से अधिक धनराशि आवंटित की गई ।इसके बाद सब मिले-जुले उपहार देश के नाम किए गए,जैसे इस वर्ष 60000 युवकों को नौकरी के लिए चुना जाएगा। पूरे देश में 80 लाख घर गरीबों के लिए बनाए जाएंगे। डिजिटल करेंसी के लिए भी कुछ कदम उठाए जाएंगे। कई चीजों पर कस्टम ड्यूटी और आयात शुल्क और कई शुल्क बढ़ाए जाने और घटाए जाने की बात भी कही गई है मतलब कुछ सामान सस्ते होंगे तो कुछ महंगे भी होंगे।
सीधा साधा और सुव्यवस्थित बजट वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया। जो किसी के भी समझ में आसानी से आने वाला है ।हां यह बात अलग है कि पिछले कई बजटो के मुकाबले इस बार देश की सुरक्षा पर अधिक खर्च किए जाने की बात हुई। दूसरा भारतवर्ष के मुख्य आधार जिन पर भारतवर्ष की सारी अर्थव्यवस्था टिकी होती है मतलब किसान। समस्त भारत के कृषक बंधुओं को उनकी आवश्यकताओं को और उनकी आय को मद्देनजर रखते हुए पहले नंबर पर रखा गया है। और उनके समग्र विकास हेतु इस बार सबसे बड़ी रकम खर्च की जाने वाली है। ऐसा भारतवर्ष के इतिहास में पहली बार होगा। अतः कह सकते हैं कि सुव्यवस्थित सुसंगठित और सुगणितीय बजट का अवलोकन जनता ने पहली बार किया है।
( एडीटर इन चीफ : सुशील निगम )