कानपुर 9 फरवरी थाना बिधनू क्षेत्र के न्यू आजाद नगर चौकी के पास LIG 776 केडीए कॉलोनी महादेवन मंदिर निवासी विनय पाल ने बताया कि आज सुबह मैं रोज की तरह कपड़े की फेरी करने गया था बच्चे स्कूल और मेरी पत्नी बच्चों के स्कूल प्रवेश पत्र लेने गई थी लेकिन जब मेरी पत्नी और बच्चे घर पहुंचे तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था फिर दरवाजा खोलने का भरपूर प्रयास किया लेकिन दरवाजा नहीं खुला जिस पर पत्नी रश्मि ने मुझे और आस-पास के लोगों को बुलाया और 100 नंबर पर पुलिस को सूचना दी जिस पर स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तोड़कर खोला तो योगेंद्र फांसी के फंदे में लटक रहा था जिसे मौके पर मौजूद पुलिस और क्षेत्रीय लोगों ने साड़ी काटकर योगेंद्र को नीचे उतारा लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थी फिर मासूम योगेंद्र के घर में कोहराम मच गया इस दर्दनाक घटना को देख आसपास में मातम छा गया
मृतक योगेंद्र के जेब से मिला मां के लिए पत्र
योगेंद्र ने फांसी पर झूलने से पहले पेंसिल से लिखा पत्र हमें किस दिक्कत नहीं ना हम अपने मनसे अपनी जान दे रहे हैं मम्मी मेरी बैंक में 40000 रुपये है इलाहाबाद बैंक में और पासबुक गाड़ी की डिग्गी में है और अकाउंट नंबर भी गाड़ी में है और हमारे बक्सा में 25 सौ रुपया है बक्सा की चाबी भगवान की फोटो के पीछे है जिसे फोटो के पीछे चाबी है उस फोटो का नाम श्री लोधेश्वर महादेव है अगर मेरी बैंक से मेरा रुपया ना निकले तो पीछे वाले पन्ने में मेरे साइन है इसको दिखाकर आराम से निकल जाएगा
क्षेत्रीय लोगों ने बताया
विनय पाल के 3 पुत्र विजेंद्र पाल योगेंद्र पाल अजय व पुत्री इंदू योगेंद्र पाल की उम्र 14 वर्ष योगेंद्र के परिवार कि आर्थिक स्थिति बहुत ही नाजुक थी जिस पर योगेंद्र के पिता सुबह कपड़े की फेरी करते थे और शाम दोनों पुत्र विजेंद्र एवं योगेंद्र का सहारा लेकर यशोदा नगर पुलिस चौकी बाजार में फुटपाथ में चड्डी बनियान की दुकान लगाकर अपने बच्चों का भरण पोषण करता था और अब बच्चे बड़े हो रहे थे तो पिता को आस थी कि बच्चे व्यापार संभाल लेंगे और मेरे बुढ़ापे का सहारा बनेंगे और योगेंद्र की मृत्यु के बाद केवल रो-रोकर यही चिल्ला रहा था कि मेरा एक सहारा चला गया
मौके पर मौजूद पुलिस ने मृतक का पंचनामा भर बॉडी पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दी।
सुशील निगम