उत्तर प्रदेश सहित चार राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट जनादेश।
बाबा के बुलडोजर की टँकी फ़ुल, बाकी सब की बत्ती गुल।
300 से 274 के आंकड़ों की करनी होगी समीक्षा।
उत्तर प्रदेश : विधानसभा चुनाव 2022 में कई पार्टियों ने अपनी-अपनी तरह से नैतिक और अनैतिक बयान बाजी और कारनामे चुनाव जीतने के लिए सत्ता में आने के लिए अपनाएं। लेकिन उत्तर प्रदेश के प्रबुद्ध नागरिकों ने पॉजिटिव और नेगेटिव में,नैतिक और अनैतिक में 274 और 125 का अनुपात बनाकर पेश किया है।जिस की समीक्षा करना अत्यंत आवश्यक है ।कोई भी पार्टी हो सत्ता में शासन करते समय कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपना फोकस रखती है या रखने का प्रयास करती है। किंतु कहीं ना कहीं कुछ बड़ी चुके हो ही जाती हैं जिनका नुकसान राजनैतिक पार्टियों को चुनाव के नतीजों के रूप में भुगतना पड़ता है।
निसंदेह योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश की जनता ने अपना राजा स्वीकार किया है लेकिन यदि संख्या की बात करें तो पिछले चुनाव में 312 सीट जीत कर रिकॉर्ड कायम किया था। इस बार कमल की पतंग 274 पर अटक गई।यदि उत्तर प्रदेश की कुल सीटों की संख्या को व्यक्ति के रूप में व्यक्त करें तो पिछले चुनाव में 403 व्यक्तियों में से 312 व्यक्तियों ने कमल पर अपना विश्वास जताया था, लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 में 38 व्यक्ति कमल पर से अपना विश्वास खो बैठे हैं ।यकीनन इसके पीछे कोई न कोई बड़ी वजह जरूर रही है, और यह बीजेपी के नेतृत्व की जिम्मेदारी है। वह इन 38 व्यक्तियों पर अनुसंधान करें और समीक्षा करे अपने शासन में हुई चूको की। क्योंकि लगता है कि 2017 का चुनाव अभी तो था लेकिन 2022 का भी चुनाव हो गया। समय का पता ही नहीं चला निसंदेह यह 5 साल भी पता नहीं चलेंगे। और चूके अगर अनवरत चलती रहे तो नुकसान का अनुपात दुगना हो सकता है। मतलब 38 दूनी 76 का नुकसान हो सकता है, मतलब संख्या पहुंच गई 198। 2027 के चुनाव को मद्देनजर रखते हुए माननीय योगी आदित्यनाथ जी को अपनी नीतियों में सुधार लाने की आवश्यकता है। क्योंकि चूक तो निसंदेह हुई है जो जनादेश 2017 में मिला उसके पीछे जनादेश देने वालों की क्या मंशा थी उसे ढूंढना होगा। ढूंढ कर उस पर कार्य करना होगा क्योंकि बीजेपी को सिंहासन पर बिठाने वाले आम दर्जे के नागरिक हैं। और आम दर्जे का नागरिक अपनी सरकार से क्या अपेक्षा रखता है यह भली-भांति समझना होगा। संख्या का अंतर सोचनीय है बावजूद इसके की कमल को उत्तर प्रदेश सहित चार राज्यों ने सिंहासन का तोहफा दिया है तो अब कमल की जिम्मेदारी बनती है वह अपने वोटर के दिलों में राज करें ना कि उत्तरप्रदेश के सिंहासन पर।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि बाबा को उत्तर प्रदेश की जनता ने ऐतिहासिक जीत का स्वाद चखाया है। बाकी सारी राजनीतिक पार्टियों की बोलती बंद कर दी ।मतलब योगी जी ने अपने प्रति जनता का जो विश्वास जीता है उसे अनवरत रखना होगा।
(जय श्री राम)
( एडीटर इन चीफ : सुशील निगम )