उत्तर प्रदेश में साइबर ठगों का आतंक भोली-भाली जनता को बना रहे अपना शिकार
ठगी कराने वाले पवन कुमार नाम के व्यक्ति की तसवीर
जिस ईको वैन के बाबत ठगे एक लाख अट्ठावन हजार
पुलिस प्रशासन के ढुलमुल रवैया के कारण जनता हो रही ठगी का शिकार
मनी ट्रान्सफर हुआ इस एकाउण्ट नम्बर के जरिए
कानपुर-: थाना गोविंद नगर 12 जुलाई एक लाख अट्ठावन हजार कि साइबर ठगी एफ बी पर कार सेल का एडवर्टाइजमेंट व्हाट्सएप पर सौदा ग्राहक सेवा केंद्र से पेटीएम में मनी ट्रांसफर निष्क्रिय पुलिस को नहीं नजर आ रहा क्राईम
दबौली निवासी रामचंद्र प्रजापति ने 10 जुलाई को एक इको कार का ऐड फेसबुक पर देखा वीडियो टच करते ही विक्रेता ने की कॉल व्हाट्सएप पर कागजों का हुआ आदान-प्रदान अपने आप को बताया आर्मी का अधिकारी 1 लाख 58 हजार रुपए में तय हुआ गाड़ी का सौदा 11 जुलाई की शाम तक लगभग 5 किस्तों में गाड़ी की पूरी रकम भी ग्राहक सेवा केंद्र द्वारा पेटीएम अकाउंट में ट्रांसफर हो गया रामचंद्र को केवल गाड़ी के पेपर,विक्रेता का डीएल,आधार और गाड़ी की फोटो बिल सहित व्हाट्सएप पर मिली और फिर विक्रेता द्वारा मांगे गए 31हजार 500 मांगने पर रामचंद्र का माथा ठनका और उसने गाड़ी मालिक पवन कुमार से कहा गाड़ी गाड़ी दे दो और पैसे ले जाओ बकौल रामचंद्र से बताया गया गाड़ी कानपुर पहुंच गई है, और ड्राइवर का नंबर भी दिया बात भी हुई लेकिन गाड़ी और ड्राइवर दोनों के दर्शन नहीं हुए जिसपर घबराया रामचंद्र थाना गोविंद नगर पहुंचा और कार्यालय में बैठे मुंशी से इंस्पेक्टर साहब से मिलने के लिए कहा जिस पर मुंशी ने पीड़ित से घटना के संबंध में पूछा पीड़ित रामचंद्र ने थाने में बैठे मुंशी को पूरी घटना बताई तो मुंशी ने रामचंद्र से कहा तुम बेवकूफ थे क्या तुम फस गए हो अब कुछ नहीं हो सकता अब पैसा मत डालना ऐसा कह कर उसे थाने से चलता कर दिया फिर शाम लगभग 7:00 बजे पीड़ित ने 100 नंबर पर पुलिस को सूचना दी मौके पर पहुंची पुलिस ने रामचंद्र से थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराने लिए कहा थाने पहुंचे रामचंद्र से फिर मुंशी ने चौकी इंचार्ज शैलेंद्र यादव को प्रर्थना पत्र देने को कहा गया जिस पर रामचंद्र ने थाने में मौजूद चौकी इंचार्ज को तहरीर दे दी और घर वापस आ गया लेकिन अभी तक थाने और चौकी से किसी भी कार्यवाही की सूचना नहीं मिली
एक बड़ी रकम गंवा चुका रामचंद्र भयानक डिप्रेशन की अवस्था में है। अब उसे कुछ सूझ नहीं रहा कि अब क्या करें और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी
सवाल यह उठता है,कि उत्तर प्रदेश की पूरी पुलिस कोर्स सिर्फ गाड़ियों का ही चालान करने में लगी है।
आखिर गरीब जनता जो अपराधियों से त्रस्त है,उसे राहत कैसे मिले
पुलिस की यह उदासीनता या निष्क्रियता खुद सरकार के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।
जनता अगर अपने बचाव में आगे आ गई तो इसका जवाब कौन देगा
अराजकता की स्थिति उत्पन्न होने से पहले सरकार जागेगी कि नहीं
या फिर रामचंद्र प्रजापति को न्याय मिलते-मिलते दस पंद्रह और रामचंदर पैद हो चुके होंगे
रिपोर्टर इन चीफ-: सुशील निगम